नर्सिंग कर्मचारी आज सामूहिक अवकाश पर, सुबह से ही दिखा असर ,मरीजों को परेशानी
जबलपुर । अपनी अनेक मंागों को लेकर जबलपुर समेत प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों और स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में कार्यरत नर्सिंग कर्मचारी आज सामूहिक अवकाश पर हैं जिससे अस्पतालों वार्ड, ओटी, प्रसूति कक्ष और नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में मरीजों को परेशानी हो रही है। हड़ताल का असर सुबह से ही दिखाई देने लगा था। मप्र नर्सेस एसोसिएशन और
प्रांतीय नर्सेस एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 30 जून से बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। बता दें कि इसके पहले स्वास्थ्य विभाग अधिकारी कर्मचारी संघ ने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन किया था।आंदोलन का जबलपुर में सबसे ज्यादा असर नेताजी सुभाष च्रन्द्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल और जिला अस्पताल पर पड़ा। यहां नर्सिंग कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर हैं। जबलपुर नर्सेस एसोसिएशन की अध्यक्ष हर्षा सोलंकी ने कहा कि मगलवार को काम करेंगे और मांगें नहीं
मानी गईं तो बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। हड़ताल में मेडिकल कालेज अस्पताल, समेत सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ के केन्द्र शामिल है। हर्षा सोलंकी ने कहा कि हम लोगों ने दो सप्ताह तक चरणबद्ध आंदोलन चलाया इसके बाद भी सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं आया न तो बैठक के लिए ही बुलाया गया। लगता है उनकी नजर में नर्सेस स्वास्थ्य सेवाओं का महत्वपूर्ण अंग नहीं है। ेउन्होंने कहा कि सरकार के पास बैठक के लिए समय नहीं है। वह अपने प्रतिनिधियों के द्वारा हमें डरा धमका रही है कि टर्मिनेट कर दिया
जाएगा। यदि टर्मिनेट करना ही है तो आज ही कर दें। उन्होंने कि आज लेडी एल्गिन अस्पताल में सहानुभूति के तौर पर स्टूडेंट नर्सों को लगाया गया। यदि आज शाम तक कोई हल नहीं निकला तो 30 जून से सभी अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों में बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। जिसमें स्वास्थ्य सेवाएं बिगड़ती हैं तो इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
ये हैं प्रमुख मांगें
-कोरोना काल के चलते सभी नर्सों को दो वेतन वृद्धि दी जाएं। कोरोना
योद्धाओं के लिए की गई घोषणाओं पर अमल हो।
-नर्सों की उच्च शिक्षा के लिए उम्र का बंधन हटाया जाए।
-मेडिकल कॉलेजों में स्वशासी के तहत नियुक्त नर्सों को सातवां वेतनमान
2018 की जगह 2016 से दिया जाए।
-पदोन्नति प्रक्रिया को शुरू किया जाए।
-मेल नर्स की भर्ती तत्काल की जाए।