नरसिंहपुर में अब बड़े पैमाने पर होगी अश्वगंधा, तुलसी एवं शतावरी की कृषि …. पढ़ें पूरी खबर

नरसिंहपुर यश भारत| “देवारण्य योजना” के अंतर्गत
राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत परियोजना अंतर्गत आयुष विभाग नरसिंहपुर द्वारा कलेक्टर शीतला पतले के निर्देशन में जिला आयुष अधिकारी डॉ सुरत्ना सिंह के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केंद्र प्रशिक्षण हॉल नरसिंहपुर में दो दिवसीय कृषकों का प्रशिक्षण आयोजित किया गयाl
जिसमे अश्वगंधा, तुलसी एवं शतावरी की कृषि तकनीक, संग्रह तकनीक एवं विपणन आदि विषयों पर जानकारी दी गयी, प्रशिक्षण के शुभारंभ डॉ. सुरत्ना सिंह चौहान जिला आयुष अधिकारी नरसिंहपुर एवं डॉ आशुतोष शर्मा विभाग , डॉ. शिल्पी नेमा जी की उपस्थिति मे सर्वप्रथम सरस्वती जी एवं भगवान धनवंतरि का पूजन, माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया,| प्रशिक्षण मे वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक द्वारा वर्तमान मे औषधीय पौधों की खेती तकनीक माँग एवं मार्केटिंग आदि विषयो के बारे मे विस्तार पूर्वक जानकारी दी, ,जिला आयुष अधिकारी डॉ. सुरत्ना सिंह चौहान ने औषधीय पौधों की खेती के महत्व एवं आयुष विभाग की देवारण्य योजना के बारे मे जानकारी प्रदान करी, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आशुतोष शर्मा ने औषधि पौधों की खेती की विषय पर जानकारी दी एवं औषधि पौधों के उत्पादन के लिए स्वैच्छिक प्रमाणन की जानकारी दी गई |डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव जी द्वारा औषधीय पौधों की कटाई ग्रेडिंग और संग्रह पद्धति पर जानकारी प्रदान करी | डॉ. निधि वर्मा द्वारा औषधि पादपो का भंडारण एवं पैकेजिंग की जानकारी दी गई | डॉ एस आर शर्मा द्वारा औषधि पौधों का बाजार एवं बाजार संबंध विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई एवं ,आयुष विभाग के प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी डॉ. योगेश राघव एवम डॉ. सुभाष नागवंशी द्वारा अश्वगंधा, शतावरी एवं तुलसी के औषधीय गुणों की पर चर्चा करी, आयुर्वेद औषधी के चिकित्सकीय लाभों की जानकारी दी गई |
कृषि वैज्ञानिक केंद्र परिसर मे औषधि पौधे की खेती जिसमें आवला , अलसी, काली हल्दी एवं सफेद मूसली की खेती दिखाई गई |साथी ही कृषक एवम औषधी निर्माता की भूमिका की जानकारी प्रदान की, प्रशिक्षण के अंत मे कृषकों ने अपने अनुभव भी साझा किये तथा प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताते हुए औषधीय पौधों की खेती करने का संकल्प भी लिया, दो दिवसीय प्रशिक्षण में 35 किसानों का पंजीयन किया गया एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए कार्यक्रम का संचालन डॉ एस आर शर्मा जी द्वारा किया गया आयुष विभाग एव कृषि वैज्ञानिक केंद्र के कर्मचारीयो का सहयोग रहा l