नए बिल के विरोध में अधिवक्ता बोले- सरकार बिल वापस ले

रीवा। स्टेट बार काउंसिल की हड़ताल का असर रीवा में भी देखने को मिला। जहां वकीलों की हड़ताल की वजह से कोर्ट में कामकाज ठप रहा। हड़ताल की वजह से वकीलों ने ना कोई बहस की और ना ही कोर्ट रूम गए। विरोध अमेंडमेंट बिल 2025 को लेकर है।
जानकारी के मुताबिक स्टेट बार काउंसिल ने प्रदेश भर में शुक्रवार को प्रदेशव्यापी हड़ताल का आयोजन किया था। जहां सभी वकील आज कोर्ट के कामकाज छोड़कर हड़ताल में शामिल रहे। जिन्होंने कहा कि अगर जल्द सरकार अपने नए कानून को वापस नहीं लेती तो वे स्टेट बार काउंसिल के बैनर तले और बड़ा आंदोलन करेंगे। वकीलों ने बताया कि हड़ताल की वजह से कोर्ट में न दलील, न बहस और न ही कोई फैसले को स्थिति निर्मित रही। सरकार इस कानून को वापस ले’ अधिवक्ता जवाहरलाल ने बताया कि वकीलों के विरोध में सरकार ने एक बिल पारित किया है। जिसका विरोध करने के लिए हमारे आज हम सभी वकीलों ने काम काज बंद रखा है। हम सबकी मांग है कि सरकार इस कानून को वापस ले।
वकील उपभोक्ता फोरम के अंतर्गत नहीं आते थे’अधिवक्ता रोशन शुक्ला ने कहा कि 2011 में सुप्रीम कोर्ट की साफ गाइडलाइन है कि वकील उपभोक्ता फोरम के अंतर्गत नहीं आते थे। लेकिन इस बिल के तहत पक्षकार वकील पर ही केस कर सकेंगे। जो स्वीकार्य नहीं है। अधिवक्ता तुलसीदास मिश्रा ने कहा कि इस बिल के तहत प्रावधान किया गया है कि पक्षकार अगर कोर्ट में उपस्थित ना हो तो वकील पर केस किया जा सकता है। वकील का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।