दूसरे शहरों के चिकित्सकों को अनुबंधित कर फिर शुरू हो गए पैथॉलाजी सेंटर, स्वास्थ विभाग ने लिया था एक्शन, संचालकों ने फिर खेला खेल
कटनी, यशभारत। सरकार के निर्देश पर शहर में नियम विरूद्ध तरीके से संचालित पैथोलॉजी लैबों के खिलाफ कुछ दिन पहले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी ने एक्शन लेकर इनमें तालाबंदी करा दी थी, लेकिन कुछ समय बंद रहने के बाद पैथॉलाजी सेंटरों के संचालकों ने इन्हें फिर से ओपन करने का रास्ता निकाल लिया। सूत्र बताते हैं कि जिन 16 सेंटरों पर एक्शन लिया गया हैं, उनमें से अधिकांश ने बाहरी पैथोलॉजिस्ट के अनुबंध की आड़ लेकर फिर से अपने सेंटर शुरू कर दिए हैं। यशभारत की टीम जब दो-तीन केंद्रों पर जानकारी के लिए पहुंची तो उनके पास जिले में निवास करने वाले पैथोलॉजिस्ट के अनुबंध पत्र नहीं थे। कलेक्टर को फिर से इन केंद्रों में जांच कराना चाहिए कि कौन से ऐसे केंद्र हैं, जो नियमों के विपरीत संचालित होकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।
गौरतलब है कि सीएमएचओ ने नियमों की अनदेखी करने वाले एक दर्जन से अधिक निजी अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी करते हुए शपथ पत्र में जबाव मांगा था। सीएमएचओ के नोटिस के बाद निजी अस्पताल संचालकों में हडकम्प मचा और इन लोगों ने आधी अधूरी जानकारी ही विभाग तक पहुंचाई। अस्पताल संचालकों से पैथो क्लीनिक लैब संचालन एवं नर्सिंग होम में पंजीकृत पैथोलॉजिस्ट की जानकारी मांगी गई थी। इसमे शहर के कई बड़े हॉस्पिटल एवं निजी नर्सिंग होम शामिल थे। यशभारत ने कुछ दिन पूर्व ही निजी अस्पतालों में पैथो क्लीनिक लैब संचालन एवं पैथोलॉजिस्ट को लेकर खबर प्रकाशित की थी। यशभारत की खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग ने हरकत में आया और 17 निजी अस्पतालों और निजी नर्सिंग होम को नोटिस जारी करते हुए जबाव मांगा। उस दौरान शहर में नियमों को ताक पर रखकर संचालित 8 पैथॉलाजी सेंटरों पर कार्रवाई के बाद शहर में बाकी पैथॉलाजी सेंटरों, निजी क्लीनिक, नर्सिंग होम्स और अस्पतालों में पैथोलॉजी संचालन को लेकर जांच की मांग उठने लगी थी। इनमे से ज्यादातर पैथॉलाजी सेंटरों में स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा। इन पर भी कार्रवाई की मांग की जा रही थी। यशभारत की इन खबरों के बाद ही स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किया।
विदित हो कि अधिकृत तौर पर जिले में 5 पैथोलॉजिस्ट हैं, जिनके खुद भी पैथॉलाजी सेंटर हैं, इनमें डॉ हरीश बजाज, डॉ कृति लहरिया, डॉ विनीत गुप्ता, डॉ शैलेष कनकने व एक अन्य शामिल हैं, इनमें से डॉ हरीश बजाज केवल अपने सेंटर का ही संचालन कर रहे हैं। स्वाभाविक तौर पर ये 5 एक्सपर्ट अधिकतम 10 पैथोलॉजी सेंटर को ही अनुबंधित या संचालित कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में बाकी जो सेंटर चल रहे हैं, उनमें कहीं न कहीं नियमों की अनदेखी की जा रही है। ज्यादातर सेंटरों में लैब टैक्नीशियन ही रिपोर्ट जारी करते हैं, जबकि सैंपल आदि लेने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ रखा जाता है। रिपोर्ट भी अनुबंधित पैथोलॉजिस्ट के डिजिटल सिग्नेचर से जारी होना चाहिए। अधिकांशत: देखा जाता है कि रिपोर्ट पर साधारण सील ठप्पा लगा दिया जाता है। डिजिटल सिग्नेचर जारी करने के भी नियम अलग हैं। शहर के निजी क्लीनिकए नर्सिंग होम्स और निजी अस्पताल लैब टैक्नीशियन के भरोसे ऑपरेट हो रहे हैं। इस लिस्ट में शहर के बड़े और प्रतिष्ठित कहे जाने वाले अस्पतालों के नाम है। नए नियमों की बात करें तो पैथोलॉजिस्ट व एमडी पैथोलॉजिस्ट द्वारा ही लैब में जांच की जाएगी। अभी तक कई सेंटरों में प्रशिक्षित युवक-युवतियों व टैक्नीशियन द्वारा जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि नर्सिंग होम में पंजीकृत पैथोलॉजिस्ट की पूर्ण जानकारी 100 रुपए के स्टॉप पेपर पर शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए देना थी। पूछा गया था कि आपके नर्सिंग होम में संचालित पैथोलाजी लैब का संचालन एवं निरीक्षण पैथोलॉजिस्ट के द्वारा ही किया जाता है या नहीं। उक्त शपथ पत्र एवं सपूर्ण जानकारी कार्यालय में तीन दिन के अंदर करने का लेख किया गया थाए जो नहीं किया गया। बताया जाता है कि विभाग के एक्शन के बाद पैथोलॉजी सेंटरों ने कटनी शहर के बाहर रहने वाले दूसरे जिले के पैथोलॉजिस्ट का अनुबंध पत्र जमा कर दिया हैए जबकि नियमानुसार यह गलत है। इस अनुबंध पत्र के बहाने फिर से सेंटर संचालित होने लगे हैं। इसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी कार्यालय की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इन्हें फिर से अनुमति किस आधार पर दे दी गई। कहा तो यहां तक जा रहा है कि अनुमति के बदले लंबा लेनदेन हो गया है।
इन पर हुई थी कार्रवाई
सीएमएचओ द्वारा डॉ प्रवीण वैश्य वैश्य हॉस्पिटल, डॉ प्रसंग बजाज स्पर्श हॉस्पिटल, डॉ राकेश रंजन हॉस्पिटल, डॉ नीरेश जैन पुष्पांजलि हॉस्पिटल, डॉ वंदना गुप्ता ओम शांति हॉस्पिटल, डॉ वीरेंद्र खंपरिया मां लक्ष्मी हॉस्पिटल, डॉ उमा निगम कटनी नर्सिंग होम, डॉ रामचंद्र हरचंदानी हरचंदानी नर्सिंग होम, डॉ पी के सहाय गुरुकृपा नर्सिंग होम, डॉ वी के गुप्ता गुप्ता नर्सिंग होम, डॉ मनीषा साहू गौरी हॉस्पिटल, डॉ विकास गुप्ता जी जी नर्सिंग होम, डॉ राजेश बत्रा धर्मलोक हॉस्पिटल, बाबा माधवशाह हॉस्पिटल, डॉ धर्मेन्द्र माखीजानी आशीर्वाद नर्सिंग होम, डॉ ब्रह्मा जसूजा आपका नर्सिंग होम को नोटिस जारी किया गया था।
ये है पैथोलॉजी संचालन के नियम
सूत्र बताते हैं कि एक
पैथोलाजिस्ट मात्र दो जांच केंद्रों में अपनी सेवाएं दे सकता है। इसमें एक तो उसका खुद का पैथोलाजी केंद्र और दूसरा किसी और का हो सकता है। यदि खुद का केंद्र नहीं है तो अन्य दो केंद्रों में वह सेवाएं दे सकता है। अभी ज्यादातर पैथोलाजी केंद्र लैब टेक्नीशियन ही चला रहे हैं। वह किसी पैथोलाजिस्ट का डिजिटल सिग्नेचर जांच में प्रिंट कर देते हैं। जांच की गुणवत्ता भरोसे की नहीं होने के कारण नुकसान रोगी को होता है। कई बार दो अलग.अलग जांच केंद्रों की रिपोर्ट अलग-अलग होने की शिकायतें भी आती हैं। कुछ लैब टेक्नीशियन बिना डिजिटल सिग्नेचर के रिपोर्ट दे देते हैं। बताया जाता है कि सरकार के नियमों के तहत पैथालॉजिस्टों को बताना होगा कि वे किन लैब के लिए काम कर रहे हैं या करेंगे।