जबलपुरमध्य प्रदेश

दुष्कर्म पीड़िता हार गई जिंदगी की जंग :  अक्टूबर महीने से चल रहा था इलाज, सीधी की रहने वाली 15 वर्ष की नाबालिक थी युवती

रीवा। जिले में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही 15 वर्षी नाबालिक दुष्कर्म पीड़िता ने आखिरकार दम तोड़ दिया। वह 5 माह की गर्भवती हो गई थी उसका इलाज अक्टूबर माह से संजय गांधी अस्पताल में चल रहा था मामला रीवा संभाग से निकलकर हाईकोर्ट तक पहुंचा हाई कोर्ट ने नाबालिक के भविष्य को ध्यान में रखते हुए गर्भपात की अनुमति दी डॉक्टर ने नाबालिक का गर्भपात कराया। परिजनों के मुताबिक गर्भपात के बाद कुछ समय तक हालत अच्छी रही लेकिन फिर हालत खराब होने लगे।

 

3 महीने के कड़े संघर्ष के बाद रविवार को आखिरकार पीड़िता ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने बताया कि पीड़िता को एयर एंबुलेंस से भोपाल के लिए रेफर किया जा रहा था। लेकिन एयरपोर्ट पहुंचने से पहले ही रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। मामले में अस्पताल प्रबंधन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि जब पीड़िता की हालत इतनी गंभीर थी तो उसे पहले रेफर क्यों नहीं किया गया? वहीं अब मृत्यु का के परिजन पोस्टमार्टम का इंतजार कर रहे हैं पुलिस ने नाबालिक की मौत के बाद मर्ग कायम कर लिया है पूरी घटना की जांच की जा रही।

*गर्भवती होने के बाद परिजनों को घटना के बारे में पता चला*
पूरा मामला सीधी जिले के बहरी थाना अंतरगत का है। मामले में पुलिस पहले ही आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। उधर मौत के बाद मर्ग कायम कर पुलिस पीड़िता का पोस्टमार्टम करा रही है। इसके बाद शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया जाएगा।

पीड़ित के परिजनों ने बताया कि आरोपी ने पहले तो जबरन उसके साथ मई महीने में दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। फिर किसी को दुष्कर्म के वारदात की जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी दी। डर की वजह से नाबालिक ने यह राज अपने सीने में ही दफन कर लिया। परिवार के लोगों की प्रतिष्ठा और उनको चिंता से बचने के लिए यह बात किसी को नहीं बताई लेकिन 5 महीने बाद उसे और परिवार के लोगों को पता चला कि वह गर्भवती है।

मामला कोर्ट पहुंचा पीड़िता कमजोर थी और बच्चे को जन्म देने के लिए शारीरिक मानसिक रूप से तैयार नहीं थी। इस वजह से पूरी देखरेख में गर्भपात करने का फैसला लिया गया। उसका गर्भपात कराया गया तब से लगातार उसका इलाज संजय गांधी अस्पताल में चल रहा था।

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