दमोह के सगोनी रेंज पर तेंदुए की मौत: चौकीदार पर पहले हमला किया इसके कुछ देर बाद खेत में मृत मिला
जबलपुर यश भारत। सागोनी रेंज, जो कि दमोह डिविजन के अंतर्गत आता है। वहाँ के रेंजन अखिलेश चौहान ने || सूचना दी कि पडरी गाँव के आसपास एक नर तेंदुआ घूम रहा है, जो कि प्रथम । । दृष्टया दोपहर के आसपास गाँव के छोर पर दिखाई दिया। जिसके मॉनिटरिंग के । लिए वन विभाग और पुलिस का अमला मौके पर पहुँचा और तेंदुए की निगरानी । करते रहे। निगरानी के दौरान ही वन विभाग के एक चौकीदार को घायल भी कर दिया। चौकीदार को छुड़ाने के लिए वन विभाग के अमले के साथ गाँव के लोगों ने चौकीदार को छुड़ाने में मदद की और अंततः सफल भी हुए। इसी दौरान कुछ देर बाद तेंदुआ किसी खेत में अशक्त अवस्था में छुपा पाया गया। ऐसी वारदातों में वन विभाग के शिद्यत अमले विधिवत् तेंदुआ पकड़ने में माहिर होते हैं, वन विभाग के अमले ने तेंदुए को पकड़ा और स्थानीय डॉक्टर से संपर्क करने पर विटनरी डॉ. ने नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत स्थित स्कूल ऑफ | वाईल्डलाईफ फॉरेंसिक एण्ड हैल्थ, जबलपुर अतिशीघ्र ले जाने की सिफारिश की।। । तदानुसार तेंदुए के अशक्त होने के कारणों की जाँच हेतु स्कूल ऑफ वाईल्डलाईफ । || फॉरेंसिक एण्ड हैल्थ, जबलपुर लाया जा रहा था। मगर उसकी रास्ते में ही मृत्यु हो । गई तथा तेंदुए का शव परीक्षण स्कूल ऑफ वाईल्डलाईफ फॉरेंसिक एण्ड हैल्थ, जबलपुर में ही किया गया। प्रथम दृष्टया शव परीक्षण के दौरान ज्ञात हुआ कि तेंदुए की मृत्यु रेस्पायरेटरी फेल्योर के कारण हुई है। विस्तृत विवेचना शव परीक्षण के दौरान जुटाये गये तथ्यों व नमूनों के आधार पर मौत के कारण स्पष्ट हो सकेंगे। इस दौरान दमोह डिविजन के वनमण्डलाधिकारी श्री महेंद्र सिंह उइके द्वारा अपने टीम के साथ शव परीक्षण के दौरान उपस्थित रहे। स्कूल ऑफ वाईल्डलाईफ फॉरेंसिक ड हैल्थ, जबलपुर की संचालिका डॉ. शोभा जावरे की उपस्थिति में डॉ. के. पी. सिंह 1. डॉ. काजल कुमार जादव, डॉ. अमोल रोकड़े, डॉ. निधि राजपूत एवं छात्र-छात्राओं । | द्वारा किया गया। फिलहाल शव परीक्षण की बारीकियों को तथ्यात्मक तौर पर || विवेचना के बाद ही तेंदुए की मृत्यु के कारणों का पता चलेगा।