तेज ठंड ने बरपाया कहर, जनजीवन बुरी तरह प्रभावित लोग ले रहे अलाव का सहारा

नरसिंहपुर यशभारत। सर्द हवाओं के साथ ठंड ने अपना अपने रूद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। गर्म कपड़ों से शरीर ढकने के बाद भी लोग ठंड से राहत नहीं पा रहे हैं। सुबह और शाम बुरा हाल है। कई दिनों से पड़ रही ठंड ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। दिन में धूप खिलने के बावजूद सर्दी बरकरार रही। उधर, रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की लेटलतीफी के कारण यात्रियों को प्लेटफार्म पर ही रात काटने को मजबूर होना पड़ता है। कई दिनों से जबर्दस्त ठंड का आलम है। शीतलहर के चलते लोग कंपकंपा रहे हैं।
शुक्रवार को जिले में सुबह से ही धूप खिली रही, लेकिन तेज व ठंडी हवा के चलते लोग ठिठुरते रहे। शाम होते ही शीतलहर और बढ़ गई। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। शीतलहर का असर बाजार पर भी पड़ रहा है। ग्राहक कम आ रहे हैं तथा शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है। सर्दी के कारण बसों और ट्रेनों का संचालन भी बाधित हो रहा है। रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की लेटलतीफी के कारण यात्रियों को प्लेटफार्म पर ही रात काटने को मजबूर होना पड़ता है, और अपने-अपने जतन से ठंड से बचने का प्रयास कर रहे है।
बुजुर्गों के लिए आफत बनी ठंड
कड़ाके की ठंड सेहत पर भारी पड़ सकती है। यदि सावधानी न बरती जाए तो यह जानलेवा भी है। चिकित्सकों का कहना है कि दिल और श्वांस के मरीजों के लिए इस तरह के मौसम में बड़ी परेशानी खड़ी हो जाती है। तेज ठंड और कोहरे में अस्थमा का अटैक पडऩे की आशंका रहती है। दिल के मरीज सुबह घूमने न जाएं। पूरे कपड़े पहनकर रखें। गुनगुने पानी का सेवन करते रहें। यदि कोई परेशानी हो तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।
ठंड से बचने अलाव का ले रहे सहारा
सर्द हवाओं के कारण अलसुबह ओस जम रही है, घर के बाहर खड़ी वाहनों सहित कार की छत पर ओस जम गई। नागरिक ठंड के चलते काफी हलाकान परेशान हो रहे है। वहीं ग्रामीण अंचलों में भी ग्रामीण धूप निकलने के बाद ही खेतों की ओर रूख कर रहे है। कंपकंपा देने वाली ठंड के चलते लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ा। मौसम विभाग आगामी दिनों में इससे भी कम तापमान गिरने की संभावना जता रहा है।
लगाये जा रहे अलाव
पड़ रही हड्डी गलाने वाली ठंड के चलते नगर पालिका ने क्षेत्र में अलाव की व्यवस्था की है। नगर पालिका द्वारा गांधी चौक, सुभाष पार्क चौक, गुलाब चौराहा, स्टेशन, बस स्टेंड सहित कई जगह आग सेंकने के लिए नागरिकों को लकड़ी की व्यवस्था करायी जा रही है जिससे लोग ठंड से बच सके।
गर्म कपड़े व इलेक्ट्रिानिक्स दुकानों पर देखी जा रही अत्याधिक भीड़भाड़
तापमान में गिरावट के चलते गर्म कपड़ों की दुकान पर तो भीड़ है ही इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रानिक्स सामान की दुकानों पर पर खरीदारों की भीड़ बढ़ी है। ठंड से हीटर-ब्लोअर, गीजर का बाजार गर्म हो गया है। दुकानदारों की मानें तो रूम हीटर और ब्लोअर खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या में तीन गुना तक इजाफा हुआ है। कोयला और पत्थर के कोयला की बिक्री भी बढ़ी है। कोयलों की कीमतों में प्रति किलो तो लकड़ी की कीमतों में प्रति क्विंटल तक उछाल आया है। बुधवार को सुबह से ठंड ज्यादा होने से दोपहर तक बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा।
सूर्य देव के दिन भर दर्शन नही हुए, खासकर गर्म कपड़ों और इलेक्ट्रिक-इलेक्ट्रानिक दुकानों पर खूब खरीदारी हुई। शीतलहर के बीच ग्राहकों का जोर उन उपकरणों पर ज्यादा है जो बिजली की खपत कम करते हैं। व्यापारियों के मुताबिक लोग सामान के दाम के साथ उसमें होने वाली बिजली की खपत का हिसाब जरूर लगा रहे हैं। ऐसे में ब्रांडेड सामान की विशेष डिमांड है। हीटर और ब्लोवर के अलावा गीजर और इमरसन राड के भी काफी ग्राहक आ रहे हैं। अभी तो सर्दी की शुरुआत है। ठंड अगर टिकी रही तो यह डिमांड और बढ़ेगी। इधर, बाजार में रजाई-गद्दे, गर्म कपड़ों की भी खूब बिक्री हो रही है। महिलाएं बच्चों की जरूरत के अनुसार गर्म कपड़े खरीद रही हैं। तेज ठंड को देखते हुए दुकानदारों सहित छोटे कपड़ा विक्रेताओं ने माल का स्टाक करके रख लिया है। वही नगर के विभिन्न स्थानों पर फुटपाथ पर गर्म कपड़े बेचे जा रहे है, फुटपाथ पर लगी गरम कपड़ों की दुकानों में पहुंचकर नागरिक गरम कपड़े खरीद रहे है, इन दुकानों पर अत्याधिक नागरिकों की भीड़भाड़ देखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी नागरिक अल सुबह खेत नही जा रहे है वह भी 9-10 के बाद खेतों की ओर रूख कर रहे है, और दोपहर तक सारा काम निपटाकर जल्द ही घरों की ओर आ रहे है। आगामी दिनों ठंड और अधिक पडऩे की संभावना व्यक्त की जा रही है।
सांस रोगियों की संख्या में हो रहा इजाफा
जानकारी के अनुसार ठंड ने सांस के रोगियों की संख्या में इजाफा कर दिया है। जिला अस्पताल से लेकर प्राइवेट अस्पताल तक सर्दी, खांसी व सांस फूलने के रोगियों की संख्या बढ़ गई है। जिला अस्पताल में रोजाना सर्दी जनित बीमारियों के मरीज पहुंच रहे है। मौसम बदलने के साथ ही सुबह व शाम को काफी ठंड होने लगी है। मुंह व नाक के द्वारा ठंडी हवा अंदर जाने से सांस की नली में सूजन आ जाती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। ठंड के मौसम में छोटे बच्चों को सांस लेने में परेशानी होती है। सामान्य दिनों की तुलना में सांस के रोगियों की संख्या बढ़ रही है।
कार्यालयों में दिख रहा ठंड का असर
सरकारी व निजी कार्यालयों में भी ठंड का असर दिख रहा है। सभी दफ्तरों में बाहर धूप में कुर्सियां लगी नजर आती हैं। कर्मचारी मौका देख टेबल छोड़कर बाहर निकल रहे हैं और धूप में बैठकर कुछ पल राहत के बिता रहे हैं। जिन कर्मचारियों का कामकाज ज्यादा है और टेबल से नहीं हट सकते उन्होंने अपनी व्यवस्था से हीटर लगवा रखा है। ठंड का असर लोगों की सेहत पर भी पडऩे लगा है। डॉक्टरों के मुताबिक अधिक ठंड में अस्थमा व हृदय रोगियों को मॉर्निंग वाक से बचना चाहिए। वहीं चिकित्सालय में भी ठंड से बचने के लिए डॉक्टर रूम से बाहर परिसर में टेबिल लगाकर गुनगुनी धूप का आनंद लेते हुए मरीजों का इलाज कर रहे है।