नई दिल्ली
पूरा देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कहर से कराह रहा है। अस्पताल भरे पड़े हैं। मरीजों को बेड नहीं मिल रहे। बेड मिल भी गए तो मेडिकल ऑक्सिजन मिल जाए, इसकी गारंटी नहीं। ऑक्सिजन की कमी से मरीज दम तोड़ रहे। अस्पतालों में रेमडेसिविर जैसी दवाइयां नहीं हैं, मरीजों के परिजनों को इसके लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। गुहार लगानी पड़ रही है। अब तो देश के प्रिंसिपल साइंटिफिक अडवाइजर विजय राघवन ने तीसरी लहर की भी भविष्यवाणी कर दी है। उनके मुताबिक इसे आने से कोई रोक नहीं सकता। वैसे दिल्ली में अभी कोरोना की चौथी लहर चल रही है लेकिन देशभर में दूसरी।
‘तीसरी लहर को आने से कोई रोक नहीं सकता, तैयार रहना होगा’
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार के प्रिसिंपल साइंटिफिक अडवाइजर ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर भी आकर रहेगी इसे कोई रोक नहीं सकता। लेकिन यह कब और कैसे आएगी अभी इस बारे में कहा नहीं जा सकता। प्रिसिंपल साइंटिफिक अडवाइजर विजय राघवन ने कहा कि हमें कोरोना की नई लहर के लिए तैयार रहना होगा। वैसे भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली कोरोना की तीसरी क्या चौथी लहर देख रही है।
देश में तीसरी लहर आने से पहले ही कुछ राज्यों में नई लहर आ सकती है
देश में कोरोना की तीसरी लहर का मतलब है दिल्ली में कम से कम पांचवीं लहर। लिहाजा पहले से भी कई गुना ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। तीसरी लहर कब आएगी, इस बारे में विशेषज्ञ फिलहाल कुछ भी पुख्ता तौर पर कहने की स्थिति में नहीं है। ये भी हो सकता है कि देश में जब तीसरी लहर आए तब तक दिल्ली पांचवीं या छठी लहर का सामना कर रही हो। कोई अन्य शहर या राज्य तब पहले ही तीसरी या चौथी लहर से जूझ रहा हो। इसलिए अगर मौजूदा लहर ढलान की तरफ जाए तब भी बहुत ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। लंबी लड़ाई है और सतर्कता व ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन ही मात्र बचाव हैं।
नई चुनौती: वैक्सीन को भी अपडेट करने की होगी जरूरत
राघवन के मुताबिक, इन्फेक्शन के बाद शरीर में सक्रिय हुए एंटीबॉडीज और वैक्सिनेशन के बाद पैदा हुई इम्युनिटी के बाद भी खतरा मौजूद रहेगा। कोरोना अपना रूप बदलेगा। हमें इसकी तैयारी करनी होगी और वैक्सीन को भी अपडेट करने की जरूरत होगी। राघवन ने कहा कि कोरोना की पहली लहर दो फैक्टर की वजह से कम हुई। जिन लोगों को इंफेक्शन हुआ उनमें इम्युनिटी भी डिवेलप हुई और मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग सहित बचाव के जो भी कदम उठाए गए उससे संक्रमण फैलना कम हुआ। बचाव के कदमों में ढिलाई बरती तो संक्रमण फैलना फिर शुरू हुआ।
जहां इम्युनिटी थी वहां नहीं घुस सका कोरोना तो रूप बदल कम इम्युनिटी वालों को चपेटा
दूसरी लहर में कई फैक्टर थे जिसमें कोरोना के नए वेरिएंट भी फैक्टर हैं। दूसरी लहर इसलिए बढ़ी क्योंकि जो इम्युनिटी बनी थी वह इतनी नहीं थी की संक्रमण को रोक सके। कम इम्युनिटी और बचाव के कदमों में ढिलाई से दूसरी लहर ज्यादा मजबूत हुई। वायरस का म्यूटेशन इस तरह आएगा इसका भी अनुमान नहीं था। म्यूटेशन के साथ वायरस के फैलने की क्षमता भी बढ़ी। जहां इम्युनिटी थी वहां वायरस को घुसने का मौका नहीं मिला तो वायरस ने रूप बदला और कम इम्युनिटी वालों को संक्रमित किया।