सिवनी यश भारत:-दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग रात्रि के समय सिवनी नगर की सीमावर्ती गांव नंदोरा पहुंचा। जिसके दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग देर रात तक पहुंचे।यह शिव लिंग सोमवार कि प्रातःकाल 4 बजे ट्रक में अपने गंतव्य के लिए निकल गया। विशालकाय शिवलिंग में 1008 छोटे शिवलिंग भी बनाए गए हैं।

दर्शन करने पहुंचे शासकीय पीजी कॉलेज के प्रोफेसर के.के. बरमैया,खैरी टेक निवासी रमेश मिश्रा ने बताया कि इस तरह के शिवलिंग बहुत पवित्र माने जाते हैं। यह शिवलिंग 210000 किलो वजनी है और एक ही पत्थर से गड़ा गया है। दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग तमिलनाडु से पटना ले जाया जा रहा है। आलोक सिंह ने बताया कि 33 फीट ऊंचा अर्थात तीन मंच तीन मंजिल ऊंचाई वाले शिवलिंग को बड़े ही सावधानी से लगभग 106 चक्का वाले ट्रक से ले जाया जा रहा है।
विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग 2 लाख 10 हजार किलो वजनी है और एक ही पत्थर से गढ़ा गया है। दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग तमिलनाडु से 2316 किलोमीटर बिहार के जानकीनगर में 106 चक्के वाले विशेष ट्रक से लाया जा रहा है। तमिलनाडु के महाबलीपुरम जिले से ये 33 फीट ऊंचा यानी करीब तीन मंजिला बिल्डिंग जितना ऊंचा शिवलिंग तैयार किया है, जो 2300 किलोमीटर दूर बिहार के चंपारण जिले में लाया जा रहा है। चंपारण में निर्माणाधीन विराट रामायण मंदिर में ये शिवलिंग स्थापित किया जाएगा।
विराट रामायण मंदिर की शोभा बनेगा
ये मंदिर रामायण काल की पूरी कहानी को दिखाएगा। ग्रेनाइट पत्थर से बना ये शिवलिंग दुनिया में किसी एक पत्थर को काटकर बनाया गया एकमात्र शिवलिंग है। इस विशालकाय शिवलिंग को मंत्रोच्चार के बीच ट्रक ट्रॉलर के जरिये बिहार रवाना किया गया है। ये तमिलनाडु से आंध्र प्रदेश, झारखंड, ओडिशा के रास्ते से गुजरते हुए बिहार पहुंचेगा। इस शिवलिंग के लिए रास्ते में कई सड़कों का चौड़ीकरण किया गया है। पुलों को मजबूत किया गया है, ताकि ये बोझ सह सकें।
शिव लिंग की विशेषताये:-
33 फीट ऊंचा दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग, 2 लाख 10 हजार किलोग्राम वजनी ये शिवलिंग, एक ही पत्थर से काटकर तराशा गया ये शिवलिंग, महाबलीपुरम से 2300 किमी दूर चंपारण लाया गया। 123 एकड़ में बन रहा है विराट रामायण मंदिर, 4 राज्यों से होते हुए बिहार पहुंचेगा ये शिवलिंग
10 साल की मेहनत से बना शिवलिंग:-
ये शिवलिंग विनायक वेंकटरमण की कंपनी ने 10 साल की अथक मेहनत से तैयार किया है। इसे बनाने में करीब 3 करोड़ रुपये खर्च आया है। महाबलीपुरम के पट्टीकाडु गांव में ये विशालकाय शिवलिंग वास्तुकार लोकनाथ ने कड़ी मेहनत से तैयार किया। इसे बिहार पहुंचने में 20 से 25 दिन लग सकते हैं। 2026 में जनवरी के अंत में या फरवरी में शुभतिथि को ये मंदिर परिसर में स्थापित किया जाएगा।
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