जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

तंखा की गैरमौजूदगी में बिखरने लगी कांग्रेस स्वास्थ्य कारणों के चलते किसी से मिल नहीं रहे थे राज्यसभा सांसद विवेक तंखा स्वस्थ होते ही फिर संभाली कमान

जबलपुर यश भारत। पिछले 20 दिनों से कांग्रेस पार्टी में उठापटक स्थिति बनी हुई है। पिछले महीने हुए महापौर चुनावों के दौरान जहां संगठन की एकता और नेताओं की जुगलबंदी देखने को मिली थी जो 20 दिन से कहीं गायक सी हो गई है। चाहे एमआईसी का गठन हो या पार्टी स्तर पर होने वाले कार्यक्रम हर जगह अपनी ढपली अपना राग दिख रहा है। इसको लेकर एकाएक सवाल भी उठने लगे हैं कि ऐसा क्या हुआ कि एक सेना की तरह चुनावों में उतरने वाली कांग्रेस पार्टी जीत के बाद एकाएक बिखराव की तरफ चली गई। जिसकी शुरुआत एमआईसी की घोषणा के साथ हुई जैसे ही एमआईसी का गठन हुआ विरोध के स्वर मुखर हो गए कुछ लोगों ने पार्टी स्तर पर अपना विरोध दर्ज कराया तो कुछ लोग सोशल मीडिया पर खुलकर बयानबाजी करने लगे यहां तक तो ठीक था हद तो तब हो गई जब एक बड़ा कांग्रेसी नेता खुलकर पार्टी और संगठन के खिलाफ मैदान में उतर गया ऐसे में इस बात का पता करना जरूरी था कि कारण क्या है।

जिसके चलते चंद दिन पहले सत्ता के खिलाफ ताल ठोक कर निगम की कुर्सी पर जीत दर्ज करने वाली पार्टी अपने ही घर में बट गई। जिसको लेकर तरह-तरह की बातें भी शुरू हो गए कोई कहने लगा सत्ता के साइड इफेक्ट तो कोई कहने लगा सत्ता में भागीदारी की लड़ाई लेकिन इस का वास्तविक कारण है नेतृत्व हीनता। जिसे इस तरीके से समझा जा सकता है कि चुनावों के दौरान भी भाजपा द्वारा आपसी गुटबाजी और भितरघात की बातें कांग्रेस के लिए कहीं जा रही थी लेकिन उस दौरान सभी वरिष्ठ नेताओं और विधायकों को एक धागे में पिरोने के लिए विवेक तंखा 1 सप्ताह तक जबलपुर में डेरा जमाए रहे जिसका फायदा कांग्रेस को हुआ जो परिणामों में झलक रहा है। अब सवाल यह उठता है कि ऐसा क्या हुआ कि जो नेता एक स्वर में कांग्रेस की मजबूती की बात कर रहे थे वह अपने अपने स्वर अलापने लगे।

जिसका कारण है पिछले 20 दिनों से शहर की राजनीति में विवेक तंखा की गैरमौजूदगी । एम आई सी के गठन से लेकर अन्य संगठनात्मक कार्यक्रमों में उनकी गैर मौजूदगी रही जिस कारण इस तरह की स्थिति निर्मित हुई है अनुशासनहीनता और गुटबाजी साफ देखी जा रही है सूत्रों की माने तो स्वस्थ होने के बाद राज्यसभा सांसद विवेक तंखा फिर से सक्रिय हुए हैं और बगावती तेवर दिखाने वाले नेताओं को साधने के लिए उन्होंने प्रयास शुरू कर दिए हैं जिसके परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे।

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