डायल-100 मगन की नजरें- दिया तले अंधेरा, जयचंद करीब में
पुलिस महकमे में एक जयचंद को लेकर चर्चा गरम है। जयचंद कौन, सब पता करने में जुटे है। अपराधियों पर लगाने वाली पुलिस भी हर चीज को अलग-अलग ढंग से देखती है। आजकल इस बात को लेकर काफी दबी जुबान में चर्चा हो रही है कि पुलिस की खबर आखिर कौन जयचंद बाहर कर रहा है। आला अधिकारियों का मानना रहता है कि जो कार्य कर रहे हैं या जो नियंत्रण कर रहे हैं वो करते कुछ और हैं लेकिन समाचार पत्रों में छपता कुछ और है। पुलिस की अंदरूनी खबरें जो बहुत खास होती है वह जयचंद बाहर कर रहा है। पूरा पुलिस महकमा यह पता करने में जुटा है कि उनके बीच जयचंद कौन है। एक चर्चा ओर है कि दिया तले अंधेरा है मतलब जयचंद करीब का है।
जब दरोगा की तीरांदाजी…..
हुआ यूं कि तिलवारा के समीप एक ग्रामीण थाना प्रभारी कसरत के बहाने अपनी साइकिल में थाने क्षेत्र का भ्रमण में निकले थे। एक साथ दो काम करने के चक्कर में तीसरा काम ऐसा हो गया कि थाना प्रभारी को साइकिल के उल्टे पैडल चलाने पड़े। भ्रमण करते हुए अपने कब्जा दिखाने वाले थाना प्रभारी एक ऐसी जगह पहुंचे जहां बहुत युवक खड़े थे। वहां थाना प्रभारी ने रौब जताते हुए चिल्लाना शुरू किया। युवक तो युवक थे उन्हें क्या मालूम था अगला कदम किसके खिलाफ उठाने वाले है। थाना प्रभारी को ऐसी बत्ती दी कि जिसे लिखना वाजिब नहीं है। थाना प्रभारी को वर्दी याद आई कड़कदार वर्दी पहनकर , पुलिस बल को लेकर उसी जगह गए फिर युवकों की क्लास ली।
हर अधिकारी दहशतजदा
मोबाइल की घंटी बजते ही पुलिस अधिकारी परेशान हो उठते हैं। इसका कारण भी है, अगर वह परेशान नहीं होंगे तो दिक्क्त में पड़ जाएंगे। पुलिस कर्मी-अधिकारियों में इतनी दहशत है कि वह अपने फोन में आने वाले कॉल उठाए की नहीं ऐसा सोचते रहते हैं। आपस में सभी चर्चा कर रहे हैं कि लगता उनका फोन उस तकनीक से जुड़ गया जहां से पता चल जाता है कि किस नंबर से किसका फोन आया और अपनी लोकेशन भी चली जाती है। ऐसे में मोबाइल पर चर्चा करके बच रहे पुलिस वाले। इन्हीं चर्चाओं में एक चर्चा तो गज की है कहा जा रहा है कि अब पुलिस कर्मियों की व्हाटसएप कॉलिंग भी चैक हो रही है। इस दहशत पुलिस वालों को कब निजात मिलेगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।