ट्रायबल बिभाग के माध्यमिक शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग मे चॉइस फिलिंग पोर्टल ओपन करने का आदेश किया हाईकोर्ट ने
जबलपुर – मध्य प्रदेश मे शिक्षकों की भर्ती विगत अक्टूबर 2021 से चल रही है ! व्यापम द्वारा पत्रता परीक्षा 2019 मे कराकर DPI तथा ट्रायबल विभाग द्वारा सयुंक्त काउंसलिंग न करके अलग अलग काउंसलिंग की गई जिसके कारण एक अभ्यर्थी दिनों जगह चयनित हो गया जिस विभाग विभाग ने पहले नियुक्ति पर जारी किया उस विभाग मे ज्वाइन कर लिया तत्पष्यात DPI द्वारा चयन सूची जारी की गई जिसमे अनेक शिक्षक आपने ग्रह निवास के पास के स्कूलों मे पदस्थापाना चाहते है क्युकि ट्रायबल विभाग के स्कूल अधिसूचित क्षेत्रो मे ही संचालित होते है तथा शिक्षकों का एक विभाग से दूसरे अर्थात लोकशिक्षण विभाग से ट्रायबल मे स्थानांतरण का नियम नहीं है ! इसलिए ट्रायबल विभाग मे कार्यरत शिक्षक DPI द्वारा संचालित शालाओं मे अपनी पसंद की पोस्टिंग चाह रहे है जिसे स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा यह कहते हुए उनको शालाओं के चयन से बंचित कर दिया गया है की सम्वधित शिक्षक (याचिका कर्ता ) पहले से नियुक्त है जबकि इस पूर्व मे एक माह का वेतन जमा करके शिक्षिको को DPI तथा ट्रायबल विभाग ने मौका दिया है ! हाईकोर्ट मे सैकड़ो माध्यमिक शिक्षकों ने याचिका दायर करके DPI द्वारा जारी आदेश की वैधानिकता को चुनौती दें गई ! उक्त याचिका की प्रारंभिक सुनवाई जस्टिस विवेक अग्रवाल की खंडपीठ द्वारा की गई याचिका कर्ताओ की ओर से तर्क दिया गया की संवैधानिक के अनुच्छेद 14, 16,19 तथा 21 के तहत उनका यह मौलिक अधिकार है है की उन्हें कहा तथा किस विभाग मे नौकरी करना है तथा पूर्व मे अन्य अभ्यर्थियों को एक माह का वेतन अदा करके उन्हें मौका दिया जा चुका है अर्थात समानता के आधार पर याचिका कर्ताओ के साथ भेदभाव भाव नहीं किया जा सकता ! तर्कों को गंभीरता से लेते हुए न्यायलय द्वारा अंतरिम आदेश पारित करके शासन को निर्देशित किया गया है की याचिका कर्ताओ को चॉइस फिलिंग हेतु पोर्टल ओपन किया जाए तथा याचिका के अंतिम निराकरण तक रिजल्ट जारी न किया जाए ! याचिका क्रमांक wp 2327/2023 के याचिका कर्ताओ की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने की !