(मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपदा प्रबंधन समूहों के साथ बैठक में कलेक्टरों को दिए निर्देश)
भोपाल कोरोना संक्रमण के लक्षण होने पर कई लोग जांच तो कराते हैं पर गलत पता और मोबाइल नंबर लिखवा देते हैं। ऐसे व्यक्तियों की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर उन्हें तलाशने में काफी परेशानी होती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐसे मामलों में प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश कलेक्टरों को देते हुए कहा कि ये लोग संक्रमण फैलाने वाले बनेंगे। इनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, 15 से 18 साल के किशोरों के साथ अन्य पात्र व्यक्तियों के, कुछ जिलों में कम टीकाकरण पर उन्होंने नाराजगी जताई। कहा कि कोई भी बहाना नहीं चलेगा। हमें परिणाम चाहिए। यदि टीकाकरण के लिए पात्र व्यक्ति नहीं मिल रहे हैं तो सत्यापित सूची दीजिए कि संबंधित व्यक्ति जिले में नहीं है।
आपदा प्रबंधन समूूहों के सदस्य, मंत्री, विधायक, कलेक्टर, कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी लहर में अभी प्रकरण और बढ़ेंगे। हालांकि, संतोष की बात यह है कि संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम ही पड़ रही है इसलिए होम आइसोलेशन पर सभी कलेक्टर ज्यादा ध्यान दें। प्रदेश में कोरोना की साप्ताहिक संक्रमण दर छह प्रतिशत हो गई है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया। इसमें बताया गया कि दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में संक्रमण के प्रकरण बढ़ने की दर तीन गुना से अधिक है। प्रदेश में 21 हजार 394 सक्रिय केस हैं। कुछ जिलों में संक्रमण की दर दस प्रतिशत से ज्यादा है। 96.07 संक्रमित घर पर रहकर उपचार ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि निश्चिंतता का भाव न रहे। होम आइसोलेशन व्यवस्था बेहतर रहे।
इस दौरान उन्होंने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह, भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया, ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह, सागर कलेक्टर दीपक आर्य से होम आइसोलेशन व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान कलेक्टरों ने जांच कराने वालों द्वारा गलत जानकारी देने की बात कही तो मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। कहा कि आपदा प्रबंधन समूह के सदस्य मास्क लगाने की अनिवार्यता, शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित कराने और टीकाकरण के काम में सहयोगी की भूमिका निभाएं।
विदिशा में किशोरों के कम टीकाकरण पर जताई नाराजगी
मुख्यमंत्री ने कम टीकाकरण वाले जिलों के कलेक्टरों से इसकी वजह पूछी। विदिशा कलेक्टर उमाकांत भार्गव से उन्होंने पूछा कि आपका जिला किशोरों के टीकाकरण में फिसड्डी क्यों है। इस पर बताया गया कि स्कूल के बाहर के बच्चे नहीं मिल रहे हैं। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह ठीक नहीं है। ऐसे ही जब सीधी कलेक्टर मुजीबुर्रहमान खान ने बताया कि 90 हजार लोग यहां नहीं रहते हैं। हम दो बार सर्वे करा चुके हैं तो मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे तर्क नहीं चलेंगे। मुझे क्या पता आप सही कह रहे हैं। सभी कलेक्टर ऐसे व्यक्तियों की सत्यापित सूची दें ताकि केंद्र सरकार को बताया जा सके।