जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

जीएसटी मामला: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने ई वे बिल की मियाद को लेकर दिया ऐतिहासिक फैसला.

  • – चार घंटे देरी से माल लेकर ट्रक पहुंचा, जीएसटी विभाग ने लगा दी 6.82 लाख की पेनल्टी, हाईकोर्टं ने पहली बार ई वेबिल की मियाद को लेकर दिया फैसला, खारिज की पेनल्टी
    – विभाग की प्रमुख सचिव, जीएसटी स्टेट कमिशनर और सहायक आयुक्त को बनाया था पक्षकार, कोर्टं ने माना टैक्स चोरी की मंशा से नहीं किया कोई काम

जबलपुर, यशभारत। ईवे बिल की मियाद खत्म होने के केवल साढे चार घंटे देरी से ट्रक के अपनी मंजिल पर पहुंचने पर स्टेट जीएसटी विभाग द्वारा करदाता पर लगाई गई 6.82 लाख की पेनल्टी हाईकोर्ट जबलपुर ने सिरे से खारिज कर दी। ईव बिल कि मियाद से देरी कर माल पहुंचाने के मामले में विभाग की पेनल्टी खारिज करने का प्रदेश का यह संभवत: पहला मामला है। वहीं जीएसटी ट्रिब्यूनल नहीं होने के चलते करदाता ने सीधे हाईकोटज़् का रूख किया, यहां हाईकोटज़् ने करदाता के पक्ष को सही मानते हुए पेनल्टी को खारिज कर विभाग को राशि लौटाने के निर्देश दिए।
हाईकोर्ट में पेनल्टी के पीछे विभाग का तर्क था कि यह देरी टैक्स चोरी की नियत से की गई है, लेकिन करदाता की ओर से जबलपुर के वकील अभिषेक ध्यानी ने बताया कि ट्रक की क्लेच प्लेट खराब होने के कारण ट्रक को रायपुर से डिंडोरी माल लेकर पहुंचने में केवल साढे चार घंटे का अतिरिक्त समय लग गया, ट्रक की रिपेयरिंग की भी जानकारी, बिल आदि विभाग के अधिकारी सहायक आयुक्त को बताया गया लेकिन ई वे बिल की मियाद केवल साढे चार घंटे अधिक लगने को विभाग द्वारा इसे टैक्स चोरी मान कर पेनल्टी लगा दी गई औऱ् यदि करदाता 6.82 लाख नहीं भरता तो उन्हें ट्रक राजसात कर 24 लाख की पेनल्टी वसूलने का नोटिस भी दे दिया गया। इस पर जस्टिस सुजाय पाल और प्रकाश चंद्र गुप्ता ने सभी तकोज़्ं को सुनने के बाद पाया कि इस देरी की वजह है और करदाता द्वारा यह टैक्स चोरी की मंशा से नहीं किया गया है, इसलिए 30 दिन के भीतर विभाग करदाता से जमा कराई गई राशि वापस दे, नहीं तो छह फीसदी ब्याज भी देय होगा।
यह है मामला
दयाशंकर सिंह को डिंडोरी में एक कॉलेज में प्रयोगशाला, क्लास रूम बनाने का सरकारी ठेका मिला हुआ है, अतिरिक्त काम का आदेश मिलने पर संबंधित ने रायपुर से स्टील बुलाने का आडज़्र दिया और इसका ई वे बिल 17 मई को तैयार हुआ। ट्रक माल लेकर 18 मई को निकला, उसे 19 मई की रात 12 बजे तक माल पहुंचाने का ई वेबिल था। रास्ते में वाहन खराब हो गया, इसे ठीक कर वह वापस रवाना हुआ तो वह 20 मई की सुबह साढे चार बजे गंतव्य स्थल पर पहुंचा, यहां जांच के दौरान ई वेबिल देखने पर विभागीय अधिकारियों ने वाहन को रोक लिया और पेनल्टी लगा दी।

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