जीआईएफ में केएमपीजी प्रतिनिधि को खदेड़ा : निगमीकरण का विरोध कर गेट तक की नारेबाजी
अपने डंडे-झंडे और चुनाव प्रचार को छोड़कर विरोध में उतरे
जबलपुर यशभारत। जीआईएफ में उस समय हंगामा हो गया जब निगमीकरण का निर्धारण करने नियुक्त के एम पी जी के प्रतिनिधि के निरीक्षण के दौरान जैसे ही कर्मचारियों को खबर लगी कि जी आई एफ को किस निगम में शामिल किया जा सकता है, निरीक्षण के लिए आए हैं,इसकी खबर लगते ही आज शनिवार को होने वाले वक्र्स कमेटी चुनाव में संपर्क कर रहे कार्यकर्ता इक_ा हो गए। मजदूर यूनियन के राम मीणा सदस्य जे सी एम-3 और वक्र्स कमेटी सचिव राकेश दुबे के नेतृत्व में सभी यूनियन के कार्यकर्ता अपने डंडे-झंडे और चुनाव प्रचार को छोड़कर विरोध में उतर आए। विरोध को देखते हुए प्रबंधन भी सकते में आ गया। जिसके बाद केएमपीजी के सदस्य को तत्काल प्रशासनिक भवन में ले जाया गया। प्रतिनिधि को दूसरे गेट से बाहर जाने की खबर लगते ही सभी यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कार को घेर लिया। इस दौरान मजदूर यूनियन के रिफैत रिजवी, अरूणोदय उरमलिया, भूपेन्द्र विश्वकर्मा, राजेंद्र कुर्मी मनोज साहू, दमन मुरमू, जितेंद्र नायक, रावेन्द्र कुशवाहा, राहुल रड़के, अश्विनी कुमार के साथ जनता यूनियन के कुंदन यादव, लियाकत खान, अमोल मेश्राम, एन प्रदीप वोरा, पंकज तिवारी, रामश्याम गुप्ता, संजय रजक, शंकर अहिरवार, सुशील मालवीय, अर्जुन दास, मनोज गौड़, इंटक के अविनाश भटकर, अजय मेहरा, अशोक कोल, पवन कुमार और पुष्पेंद्र सिंह के साथ सभी कर्मचारी कार के पीछे नारे लगाते हुए पहुंचे।
गेट पर नहीं हुई कोई एंट्री
केएमपीजी के प्रतिनिधि के निमार्र्णी के अंदर आने पर गेट पर कोई प्रवेश प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। कायदे से फैक्ट्री में कोई व्ही आई पी या ठेका कर्मी अंदर आता है तो उसका विवरण गेट पर दर्ज किया जाता है उसके बाद उसे अंदर जाने दिया जाता है। लेकिन के एम पी जी के प्रतिनिधि को प्रबंधन बिना किसी लिखापढ़ी के चुपचाप संस्थान में अंदर ले गया। निमार्णी के मेनेजर एडमिन चुपचाप उन्हें विभिन्न अनुभागों का निरीक्षण करा रहे थे। तभी शक होने पर मजदूर यूनियन के नेताओं ने पूछताछ की तो मामला खुल गया।