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जिले में बढ़ रहे डेंगू के मरीज,63 पहुंचा आंकड़ा :   मिल रहे लार्वा,दवाओं का किया जा रहा छिड़काव

सिवनी यश भारत-जिले में इस साल घातक डेंगू बीमारी फैलने की रफ्तार कम होने के स्थान पर और अधिक बढ़ रही है। जिले में अब तक डेंगू के 63 मरीज मिल चुके हैं। वहीं मलेरिया भी तेजी से फैल रहा है। मलेरिया के अब तक 57 मरीज मिल चुके हैं। अब तक डेंगू से पीड़ित दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि मलेरिया विभाग के अधिकारियों ने अधिकृत तौर पर डेंगू से मौत होने की पुष्टि नहीं की है।

 

रक्षाबंधन के बाद और बढ़ सकती है बीमारों की संख्या:- मलेरिया विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रक्षाबंधन पर्व के बाद मलेरिया और डेंगू के अलावा चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियां बढ़ने की संभावना है। इसे देखते हुए विभाग ने तैयारियां कर ली हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में तैनात अमले को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। की बाड़ी के पीछे व कच्ची सड़कों में व टकि में एक सप्ताह से ज्यादा पानी भरें होने के कारण मच्छरों की संख्या बढ़ रही है। मच्छरों की संख्या बढ़ने से भी डेंगू व मलेरिया बीमारी का संक्रमण बढ़ रहा है।

 

किया जा तह दवा का छिड़काव:-

मलेरिया विभाग का अमला ग्रामीण क्षेत्रों में लावों विनिष्टिकरण के दावे कर रहा है। लेकिन अब भी कई गांवों में कीटनाशक व पाउडर का छिड़‌काव नहीं किया गया है। ऐसे में इन गांवों में मलेरिया डेंगू फैलने का खतरा बढ़ गया है। खास तौर पर बरघाट क्षेत्र के गांवों के अमले को सतर्क कर दिया गया है। बालाघाट जिले की सीमा से लगे गांवों में अमले को भी सतर्कता बरतने कहा गया है। यहां बाहर से आने वाले ग्रामीणों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। मलेरिया अधिकारी के अनुसार पड़ोसी जिलों व महानगरों से यदि कोई डेंगू व मलेरिया से संक्रमित मरीज जिले में आता है तो वह अन्य लोगों को भी इस बीमारी से ग्रसित कर सकता है। मलेरिया अधिकारी के अनुसार अब तक मिले कुल 63 में से 12 डेंगू के मरीज बाहर से आए हैं। रक्षाबंधन पर्व पर बड़ी संख्या में लोग बाहर से आते हैं, जिससे बीमारी फैलने की संभावना है।

जिला मलेरिया अधिकारी रामजी भलावी का कहना है कि जिले में वर्षा होने के बाद कई जगहें लंबे समय तक पानी का जमाव हो रहा है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में घरों-घर लार्वा सर्वे कर लोगों को पानी जमा नहीं होने की समझाइश दी जा रही है। लार्वा मिलने पर दवा की छिड़काव कराया जा रहा है। साथ ही फागिंग भी कराई जा रही है।

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