कटनीमध्य प्रदेश

जिले में तीन साल का कोटा पूरा करने वाले कई अफसर राडार पर, तबादलों से बेन हटते ही कटनी से होगी रवानगी

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कटनी, यशभारत। राज्य सरकार एक मई से तबादलों पर लंबे समय से लगी रोक हटाने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में जल्द ही तबादला नीति को कैबिनेट में मंजूरी दी जा सकती है। सूत्रों के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग नई नीति पर काम कर रहा है। उच्च स्तर पर इस बात का विचार विमर्श होना है कि जिलों में तबादले का अधिकार किसे दिया जाए और विभागों में कितने प्रतिशत स्थानांतरण किए जा सकते हैं। वर्तमान में कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले सीएम समन्वय से हो रहे हैं। इसके अलावा प्रशासनिक कारणों से भी किए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार लंबे समय से अटकी इस नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और कैबिनेट से इस महीने के अंत तक इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। नई तबादला नीति के तहत मई और जून का महीना तबादलों के लिए निर्धारित किया जाएगा। इस दौरान कर्मचारी तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे और प्रक्रिया भी इसी अवधि में पूरी की जाएगी।

प्रभारी मंत्रियों की भूमिका अहम

नीति लागू होने के बाद प्रभारी मंत्रियों की भूमिका अहम हो जाएगी। तबादला आवेदन उनकी अनुशंसा से ही आगे बढ़ाए जाएंगे। हालांकिए कुछ मामलों में कैबिनेट मंत्री, संबंधित विभाग के राज्य मंत्री को भी यह अधिकार सौंप सकते हैं।

प्राथमिकता के आधार पर होगा आवेदनों का निराकरण

अधिकृत जानकारी के अनुसार तबादले के आवेदनों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। इसमें सरकार ने जो केटेगिरी तय की है, उनमें गंभीर बीमारी, पारिवारिक अथवा पति.पत्नी एक ही स्थान पर होने, परिवारिक स्थितियां शामिल है। इन आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा। कर्मचारी की पारिवारिक जरूरतें, पिछले तबादलों का रिकॉर्ड और वर्तमान पदस्थापना की अवधि को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसके साथ ही संबंधित कार्यालयों की आवश्यकता और वहां उपलब्ध मानव संसाधन को भी ध्यान में रखा जाएगा।कटनी, यशभारत। राज्य सरकार एक मई से तबादलों पर लंबे समय से लगी रोक हटाने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में जल्द ही तबादला नीति को कैबिनेट में मंजूरी दी जा सकती है। सूत्रों के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग नई नीति पर काम कर रहा है। उच्च स्तर पर इस बात का विचार विमर्श होना है कि जिलों में तबादले का अधिकार किसे दिया जाए और विभागों में कितने प्रतिशत स्थानांतरण किए जा सकते हैं। वर्तमान में कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले सीएम समन्वय से हो रहे हैं। इसके अलावा प्रशासनिक कारणों से भी किए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार लंबे समय से अटकी इस नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और कैबिनेट से इस महीने के अंत तक इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। नई तबादला नीति के तहत मई और जून का महीना तबादलों के लिए निर्धारित किया जाएगा। इस दौरान कर्मचारी तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे और प्रक्रिया भी इसी अवधि में पूरी की जाएगी।
प्रभारी मंत्रियों की भूमिका अहम
नीति लागू होने के बाद प्रभारी मंत्रियों की भूमिका अहम हो जाएगी। तबादला आवेदन उनकी अनुशंसा से ही आगे बढ़ाए जाएंगे। हालांकिए कुछ मामलों में कैबिनेट मंत्री, संबंधित विभाग के राज्य मंत्री को भी यह अधिकार सौंप सकते हैं।
प्राथमिकता के आधार पर होगा आवेदनों का निराकरण
अधिकृत जानकारी के अनुसार तबादले के आवेदनों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। इसमें सरकार ने जो केटेगिरी तय की है, उनमें गंभीर बीमारी, पारिवारिक अथवा पति.पत्नी एक ही स्थान पर होने, परिवारिक स्थितियां शामिल है। इन आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा। कर्मचारी की पारिवारिक जरूरतें, पिछले तबादलों का रिकॉर्ड और वर्तमान पदस्थापना की अवधि को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसके साथ ही संबंधित कार्यालयों की आवश्यकता और वहां उपलब्ध मानव संसाधन को भी ध्यान में रखा जाएगा।

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