सरकार बच्चे के जन्म के साथ ही उसे आधार नंबर देने का प्लान कर रही है। इसके तहत एक ही साथ दोनों डॉक्यूमेंट्स मिल जाएंगे, आधार नंबर भी और बर्थ सर्टिफिकेट भी। जल्द ही इस योजना को पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, माता-पिता को बच्चे की 5 साल की उम्र होने पर बायोमैट्रिक डेटा से जुड़ी जानकारी आधार से लिंक करवानी होगी, क्योंकि 5 साल से कम उम्र के बच्चों का बायोमैट्रिक्स नहीं लिया जा सकता।
जानकारी के अनुसार, 15 साल की उम्र से पहले बच्चे की जानकारी को आधार कार्ड में अपडेट करना होगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बर्थ सर्टिफिकेट के साथ पिछले कुछ महीनों में एनरोल हुए शिशुओं की सही संख्या नहीं मिल पा रही है। इस कारण यह योजना जल्दी लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक 134 करोड़ आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं। असम और मेघालय वे राज्य हैं, जहां पूरी आबादी को अभी तक यूनीक ID नहीं मिली है। लद्दाख और नागालैंड के भी दूरदराज के इलाकों में आबादी पूरी तरह से एनरोल नहीं हुई है। हम देश के इन हिस्सों में जल्द से जल्द पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।