जबलपुर मेडिकल गेट पर फिर सज गई दुकानेंः मेडिकल जबलपुर को गांव का अस्पताल बनाकर ही छोड़ेंगे, लाख कोशिश कर लो हम नहीं सुधरेंगे
जबलपुर, यशभारत। कलेक्टर डाॅक्टर इलैयाराजा टी और नगर निगम कमिश्नर आशीष वशिष्ठ पूरी तल्लीनता से शहर को व्यवस्थित करने में जुटे हुए हैं। आए दिन दोनों अधिकारियों द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण कर अव्यवस्थओं को सुधारा जा रहा है। लेकिन जानकर हैरानी होगी इनके प्रयासों में नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल अस्पताल के बाहर दुकान लगाने वाले व्यापारी पानी फेर रहे हैं। पिछले दिनों कलेक्टर के निर्देश पर मेडिकल की दीवार से सटे अतिक्रमणों को अलग किया गया, दोबारा दीवार से सटकर चाय-पान के टपरे न लगे इसके लिए तारों से फिनशिंग कराई गई। इसके बाबजूद व्यापारी नहीं माने और कुछ दिन बाद बीच सड़क पर दुकान लगाने लगे। अब दोबारा से मेडिकल गेट के बाहर अतिक्रमण जम गए है। गेट के बाहर नजारा देखकर ऐसा लगता है कि दुकानदारों ने मन बना लिया है कि मेडिकल अस्पताल जबलपुर को गांव का अस्पताल बनाकर ही छोड़ेंगे।
कलेक्टर ने अलग कराया है अतिक्रमण तो वो ही जाने
मेडिकल के मुख्य गेट पर दोबारा से अतिक्रमण फैल गए हैं। जानकर आश्चर्य होगा कलेक्टर ने निर्देश दिए थे कि यहां पर दोबारा से अतिक्रमण न हो और इसकी जिम्मेदारी मेडिकल प्रबंधन को दी गई थी। परंतु मेडिकल प्रबंधन इस शर्त पर चल रहा है कि अतिक्रमण कलेक्टर ने हटाए तो वो ही जाने। गेट के अंदर और बाहर तैनात सुरक्षा कर्मी भी अतिक्रमणकारियों को दुकान लगाने से नहीं रोकते हैं।
सुबह से लगने लगता है जाम
मुख्य गेट के बाहर का सुबह का नजारा मछली मंडी जैसा होता है। बीच सड़क पर दुकान सज जाती है, फिर चाहे मरीजों को आने में परेशानी हो या फिर इस रास्ते से गुजरने वाले लोग हलाकान हो। सुबह से ही जाम की स्थिति बनती है। कलेक्टर की व्यवस्था सुचारू रूप से चले इसके लिए न पुलिस ध्यान दे रही है और न ही मेडिकल प्रबंधन।