जबलपुर में 60 लाख का लोन लिया बैंक को थमा दिए फर्जी दस्तावेजः ईओडब्ल्यू की जांच में खुलासा

जबलपुर, यशभारत। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को प्राप्त शिकायत की जांच निरीक्षक मुकेश खम्परिया, प्रकोष्ठ इकाई, जबलपुर से कराई गई । जाँच में पाया गया कि सिटी कन्जूमर फायनेंस इण्डिया लिमिटेड (सिटी फायनेंस) ब्रांच सदर जबलपुर के द्वारा दिनाक 30.08.2008 में 49.00 लाख रुपये का ऋण प्रमेश सोनी पिता रामकृष्ण सराफ सोनी एवं श्रीमति तनुजा सोनी पति प्रमेश सोनी निवासी सदर बाजार केंट जबलपुर के नाम स्वीकृत किया गया था। अधिक आवश्यकता होने पर प्रमेश सोनी एवं तनुजा सोनी के द्वारा दिनांक 15.04.2010 को ऋण की राशि बढाकर 60 लाख रुपये की मांग की गई, जिस पर उन्हें ऋण राशि बढाकर 60.00 लाख रुपये का ऋण दिया गया। ऋण की ब्याज दर 13 प्रतिशत थी एवं कुल अवधि लगभग 180 महीनों की दी गईं थी। उक्त लोन प्राप्त करने के लिए गारंटी के रुप में प्रमेश सोनी एवं श्रीमति तनुजा सोनी, श्रीमति चंद्रावती सराफ ने सपूर्ण अचल संपत्ति जो कि मकान नं-62ए, 62ब, 62स, एवं 63 का कुल प्लाट क्षेत्र 605 वर्गफुट जिसमें निर्मित क्षेत्रफल 181 वर्गफुट जो केंट बोर्ड जिला एवं तहसील जबलपुर में स्थित है, बंधक रखी गई। चूंकि उक्त गिरवी संपत्ति केंट बोर्ड जबलपुर के द्वारा लीज में दी हुई है अतः इस संबंध में प्रमेश सोनी एवं श्रीमति चंद्रावती सराफ के द्वारा उक्त संपत्ति को गिरवी रखने हेतु एक कूटरचित अनापत्ति प्रमाण पत्र दिनांक 29 अगस्त 2008 का बैंक के समक्ष जमा किया गया था जिसमें छावनी परिषद, जबलपुर का कूटरचित अनापत्ति प्रमाण-पत्र तैयार कर, उस कूटरचित अनापत्ति प्रमाण-पत्र का असली दस्तावेज के रुप में उपयोग करते हुये षडघ्यंत्र पूर्वक सिटी फायनेन्स से ऋण प्राप्त किया गया।
साथ ही फायनेन्स कंपनी में बंधक (मार्डगेज) सम्पत्ति को सही तथ्यों को छुपाकर एवं गलत तथ्यों का आधार बनाकर क्रेतागणों को दुकान क्रमांक-1, 2, 3, 4, 5 एवं 6 विक्रय कर दी गई । आरोपियो द्वारा बैंक से लिये गये ऋण की अदायगी भी नहीं की गई जिससे बैंक को राशि 60 लाख रूपये ब्याज अतिरिक्त की आर्थिक क्षति कारित हुई है। जांच उपरांत आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है ।