जबलपुर में इस गांव के ग्रामीण अथाह जल के किनारे बसे फिर भी कंठ प्यासे: भजन-कीर्तन कर ग्रामीणों ने कहा हे ईश्वर आप ही सहारा, सरकार-प्रशासन तो सो गया

जबलपुर यशभारत। पानी में रहकर भी मछली प्यासी. कुछ यही हाल जबलपुर के बरगी इलाके का है। बड़ी आबादी को पानी पिलाने वाले बरगी के ग्रामीण इलाकों के लोग डैम के किनारे प्यासे बैठे हैं। बरगी डैम के कारण विस्थापित किए गए लोग ही पानी के लिए परेशान हैं। भीषण गर्मी में जल संकट ने आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्र में आ रही है। जबलपुर के बरगी में भीषण जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण अब ईश्वर से प्रार्थना में जुट गए हैं क्योंकि उन्हें सरकार और प्रशासन से कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।

जबलपुर के बरगी विधानसभा क्षेत्र के जनपद शहपुरा और जनपद जबलपुर में आने वाले सैकड़ों गांव के लोग पीने के पानी के लिए कई वर्षों से जद्दोजहद कर रहे हैं। इस इलाके के चिरापौंडी, नवीन देवरी, दुर्गा नगर, तिन्हेंटा सहित ऐसे सैकड़ों गांव हैं जहां गांव वाले कुएं का गंदा कीचड़ भरा पानी पीने पर मजबूर हैं.। इतना ही नहीं 30 से 35 साल पहले बने बरगी बांध के विस्थापित दुर्गा नगर में रहने वाले तीन जिलों के ग्रामीणों को इतने साल बीत जाने के बाद भी पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा है।
सरकार को जगाने भजन-कीतज़्न
गांव वालों की इस विकट समस्या पर न सरकार ध्यान देती है न स्थानीय अफसर और नेता। इसलिए अब उन्हें भगवान का ही भरोसा है, गांव वाले गांव के बाहर बने देवालय पर भजन कीर्तन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है हम भगवान के साथ स्थानीय जिला प्रशासन को जगाने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं ताकि विस्थापितों को पानी मिल सके. यही हालात बरगी क्षेत्र के लगभग हर एक गांव के बने हुए हैं। जहां एक कुएं के भरोसे 500 से 600 परिवार हैं. उसी कुएं का पानी कई गांव के लोगों की प्यास बुझाता है।
बरसों पुरानी समस्या
बरगी विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय यादव का कहना है क्षेत्र में जल संकट आज की नहीं है बल्कि कई बरसों की समस्या है. गांव वाले अरसे से ऐसे ही जल संकट से जूझ रहे हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद सरकार ने अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया है, इधर जिला प्रशासन का कहना है जिन ग्रामीण इलाकों में जल संकट है वहां पर नहरों और टैंकों के जरिए पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।