जबलपुर के जिला अस्पताल में लगेगा लिक्विड आक्सीजन प्लांट
जबलपुर, । कोरोना संक्रमण से ग्रसित लोगों की संख्या बढ़ते ही प्रदेश समेत शहर में स्वास्थ सुविधाओं को दुरुस्त करने का काम तेज हो गया है। जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जल्द ही जिला अस्पताल में तीसरा ऑक्सीजन प्लांट लगेगा। इस बार का प्लांट लिक्विड ऑक्सीजन पर आधारित होगा। पीपीपी मॉडल पर निजी कंपनी इसे लगाने जा रही है। वहीं मेडिकल में पूरे महाकौशल के मरीजों का दबाव रहता है।
इसे देखते हुए यहां तीसरे ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। जिले में कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीन की किल्लत की तस्वीर लोग भूले नहीं है। ऑक्सीजन की इसी मारामारी को देखते हुए प्रशासन अभी से तैयारियों में जुट गया है। प्रशासन ने आशंका जताई है कि जनवरी के लास्ट और फरवरी में कोविड के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं।
जिला अस्पताल में 500 और 570 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) क्षमता के दो एयर सेपरेशन ऑक्सीजन प्लांट पहले से लग चुके हैं। दोनों से प्रति मिनट हवा से 1100 लीटर ऑक्सीजन बनाया जा सकता है। इसकी सप्लाई सीधे आईसीयू वार्ड में होती है। अब 6 केएल क्षमता का लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी है। इसके लिए जरूरी प्लेटफार्म बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके अलावा 600 एलपीएम का एयर सेपरेशन प्लांट स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में स्थापित है।
जबलपुर मेडिकल कॉलेज में सबसे अधिक कोविड मरीजों का भार रहता है। जबलपुर के अलावा आसपास के जिलों से भी कोविड के गंभीर मरीज रेफर होकर यहीं भर्ती होने आते हैं। ऐसे में ऑक्सीजन की सबसे अधिक जरूरत रहती है। मेडिकल में 10-10 केएल क्षमता के दो ऑक्सीजन स्टोरेज पहले से स्थापित हैं। अब 10 केएल क्षमता का तीसरा ऑक्सीजन स्टोरेज स्थापित करने का काम चल रहा है।