जबलपुर कलेक्टर डाॅ. इलैयाराजा टी का सख्त आदेशः आगामी त्यौहारों में होने वाले आयोजन की अनुमति नहीं ली तो भुगतनी पड़ेगी सजा
जबलपुर, यशभारत। जबलपुर जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर डाॅ. इलैयाराजा टी ने कोविड-19 के संक्रमण तथा महाशिवरात्रि, होलिकात्सव, रंगपंचमी, चैत्र नवरात्रि एवं अम्बेडकर जयंती जैसे आगामी त्यौहारों के मद्देनजर दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144(1) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
प्रतिबंधात्मक आदेश में सभी प्रकार के आयोजनों के लिये प्रशासनिक अधिकारियों से पूर्व अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य किया गया है। आदेश में कहा गया है कि अनुमति प्राप्त नहीं होने पर आयोजनों को अवैधानिक घोषित करते हुये आयोजनकर्ताओं पर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। आदेश में संपूर्ण जिले के मोटर साइकिल रैली के आयोजन को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक सभी प्रकार के आयोजनों में ऐसे नारे अथवा शब्दों का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा जिनसे किसी भी धर्म, जाति या वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती हो। ऐसा पाये जाने की दशा में संबंधित त्रुटिकर्ता के साथ-साथ कार्यक्रम के आयोजकों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाकर उनके विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी।
आदेश में मकान एवं दुकान मालिकों के लिये घरेलू एवं व्यावसायिक नौकरों की सूचना संबंधित पुलिस थाने में देना अनिवार्य किया गया है। इसी प्रकार होटल, लाॅज एवं धर्मशाला में रूकने वाले व्यक्तियों से पहचान पत्र लेने एवं विहित प्रारूप में इसकी सूचना संबंधित पुलिस थाने में देने की अनिवार्यता होटल, धर्मशाला एवं लाॅज मालिकों के लिये की गई है। आदेश के अनुसार मकान मालिकों को किरायेदार एवं पेईंग गेस्ट रखने की सूचना भी विहित प्रारूप रूप में संबंधित थाने को प्रदाय किया जाना जरूरी होगा।
प्रतिबंधात्मक आदेश में जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा में आपत्तिजनक अथवा उद्वेलित करने वाली फोटो, चित्र, मैसेज, वीडियो एवं आडियों को व्हाट्सप, फेसबुक, सभी प्लेटफार्म पर फारवर्ड करने, लाईक करने, कमेण्ट करने जैसी गतिविधियों को भी प्रतिबंधित किया गया है जिनसे साम्प्रदायिक विद्वेष फैलने की आशंका हो।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी यह प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से सम्पूर्ण जिले में लागू हो गया है। आदेश में कहा गया है कि इसका उल्लंघन पाये जाने की स्थिति में दोष व्यक्तियों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम की सुसंगत धाराओं, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 तथा अन्य सभी कानूनी प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।