गोलीकांड में आरक्षक की मौत पर बवाल : मिनर्वा अस्पताल पर परिवार का गंभीर आरोप: कहा – गोली नहीं निकाली, झूठी जानकारी दी गई

सतना। 28 अप्रैल की रात थाना परिसर में हुई गोलीबारी की घटना में घायल हेड कॉन्स्टेबल प्रिंस गर्ग की मौत के बाद मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। मृतक की पत्नी बबीता गर्ग ने जिले के एक नामी निजी अस्पताल मिनर्वा पर गंभीर लापरवाही और धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं।
बबीता ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों ने परिवार और वरिष्ठ अधिकारियों को बताया कि प्रिंस गर्ग के शरीर से गोली निकाल ली गई है और उनकी हालत में सुधार हो रहा है। लेकिन दिल्ली के मैक्स अस्पताल में हुई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इस दावे को झूठा साबित कर दिया — गोली अब भी शरीर में फंसी हुई थी।
डिप्टी सीएम को भी दिया गया गलत बयान
परिजनों के अनुसार, डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी जब अस्पताल पहुंचे तो उन्हें भी यह बताया गया कि गोली निकाल ली गई है और मरीज की हालत स्थिर है।
हालांकि दिल्ली में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि दवाओं की ओवरडोज़ से प्रिंस गर्ग के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और वे ब्रेन डेड हो चुके थे।
पैसों के लालच में लापरवाही का आरोप
परिवार का आरोप है कि अस्पताल ने 10 लाख रुपये लिए, लेकिन मरीज का सही इलाज नहीं किया गया। “अगर अस्पताल शुरू में बता देता कि यह मामला उनके बस का नहीं है, तो हम उसे दिल्ली या बड़े संस्थान में तुरंत ले जा सकते थे,” बबीता ने कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल ने सिर्फ पैसे कमाने के लिए जानबूझकर गलत जानकारी दी और समय बर्बाद किया।
एफआईआर और निष्पक्ष जांच की मांग
परिजन अब अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि आपराधिक धोखा है। साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच की भी अपील की गई है।
अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन चुप
अब तक न तो मिनर्वा अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने आया है, न ही जिला प्रशासन ने कोई प्रतिक्रिया दी है। ऐसे में इस हाई-प्रोफाइल केस को लेकर जनाक्रोश भी बढ़ता जा रहा है।
यह सिर्फ एक लापरवाही नहीं, बल्कि एक सिस्टमिक फेलियर की कहानी है। यदि दोषियों को सजा नहीं मिली, तो ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।