जबलपुरमध्य प्रदेश

गेहूं खरीदी में किसान हो रहे परेशान :   मिट्टी के कारण सेंपल कर रहे फेल; एक चौथाई नही हो सकी खरीदी

मण्डलाl  मिट्टी से ही फसलें होती हैं तो स्वाभाविक है कि अनाजों में कहीं न कहीं मिट्टी अपना अंश छोड़ ही जाती है। ऐंसे में बनाये गये मापदण्ड के हिसाब से विक्रय के लिए लाए गये अनाज में एक भी मिट्टी नहीं होना चाहिए ये कहां तक उचित है। हम बात कर रहे हैं शासकीय गेहूं खरीदी केन्द्रों की जिनमें मापदण्डों के चलते खरीदी ठप्प पड़ी है किसान परेशान हो रहे हैं।

 

मध्यप्रदेश शासन के दिशा निर्देशों पर लगभग एक माह से जिले के खरीदी केन्द्रों मे ख़रीदी प्रारंभ हो चुकी है किन्तु लगभग एक माह गुजर जाने के बाद भी गेहूं की खरीदी बहुत कम हो सकी है। कुछ सेंटरों में तो ख़रीदी का खाता ही नहीं खुला है जिसकी रिपोर्ट दिनांक 24/04/2024 की जानकारी अनुसार खरीदी केन्द्र रैयगांव मोहगांव ब्लॉक, हिरदेनगर मण्डला ब्लॉक, नांदिया मण्डला ब्लॉक, मुरूम खाप मण्डला ब्लॉक, नारा बिछिया ब्लॉक, ककैया बिछिया ब्लॉक, चाबी मोहगांव ब्लॉक, निवास, कजरबाडा, आदि सेन्टरों मे विगत दिवस की रिपोर्ट अनुसार अभी तक की कुल खरीदी जीरो है। संबंधित केंद्रों से मिली जानकारी अनुसार अभी तक जिले मे कुल खरीदी दिनांक 24/04/2024 के आंकड़े अनुसार 13738 मैट्रिक टन ही हो पाई है। जबकि पिछले वर्ष (2023) में इसी दिनांक को लगभग 49631 मैट्रिक टन खरीदी हो चुकी थी। जिस पर यह कहा जा सकता है कि अभी तक जिले के सभी केन्द्रों को मिलाकर लगभग एक चौथाई खरीदी की गयी है।

कम खरीदी पर विभागीय अधिकारियों का कथन –

जिले में शासन की गाईडलाईन के अनुसार ही खरीदी की जा रही है। मिट्टी युक्त गेहूं नहीं खरीदने का निर्देश है। अगर कोई किसान साफ गेहूं लेकर आता है उसे खरीदा जा रहा है। इस संबंध में विभाग भी कुछ नही कर सकता। शासन के जैसे दिशा निर्देश हैं उसका पालन किया जा रहा है।

किसानों का कथन –

इस वर्ष लगातार मौसम खराब चलने के कारण जल्दी कटाई करनी पडी थी जिसके चलते हार्वेस्टर से कटाई की गयी है। हार्वेस्टर से कटाई पर कुछ मिट्टी गेहूं में आ ही जाती है जो छन्ना लगाने पर भी नहीं निकल पा रही है। जबकि हम लोग छन्ना लगाकर गेहूं का सैंपल दिखाते हैं उसे भी फेल किया जा रहा है, क्योकि छन्ना के बाद भी बड़ी मिट्टी नही निकल पाती है। अंत में हमें मजबूर होकर अपना गेहूं कोडियों के दाम बाजार में बेचने को मजबूर होना पड रहा है। अब हम क्या करें हमारी कोई नहीं सुन रहा वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधि सभाओं में किसानों के हितों की बात करते थकते नहीं है।

 

इनका कहना है…..

शासन की गाईड लाईन के अनुसार जिले में खरीद की जा रही है। मिट्टी युक्त गेहूं नही लेने के आदेश हैं।

आर एस तिवारी, जिला विपणन अधिकारी मण्डला

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