गुमनाम है कोई अंजान है, गुमनाम किरायेदारों की नहीं कोई पहचान शहर में धडल्ले से जारी किरायेदारी का कारोबारी, कोई वैरिफिकेशन नहीं

जबलपुर, यशभारत। शहर में गुमनाम किरायेदारों की बढोत्तरी लगातार होती जा रही है। मूलरूप से आजकल यह व्यापार बन गया है कि अपने आवासों में किरायेदार रखकर लाभ कमाना। हालांकि यह कहीं से भी गैरकानूनी नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह उस समय अवैधानिक हो जाता है जब इन मकानों के मालिक अपने किरायेदारों की जानकारी संबंधित थाना क्षेत्रों में नहीं देते।जबकि नियमानुसार इन मकान मालिकों को अपने संबंधित किरायेदारों की जानकारी संबधित थाना क्षेत्रों में दी जानी चाहिये। ताकि उक्त थानाक्षेत्र को अपने यहां आए नये व्यक्ति की जानकारी मिल सके।
लेकिन देखा जा रहा है कि ऐसा नहीं हो रहा। लगातार किराये से संचालित हो रहे घरों में कौन रहने आ रहा है, यह जानकारी आसपडौस को भी नहीं लगती। वहीं इन किरायेदारों द्वारा आस पडौस के लोगों से दूरी बनाये रखने से भी नहीं पता चल पाता कि उनके बगल के घर में कौन रह रहा है। वहीं शहर में हो रहे अपराधों में भी यह देखा जा रहा है कि आरोपी बाहर से आकर वारदात को अंजाम देकर जा रहे है। ये लोग बकायदा यहां पर इसी तरह किराये के मकानों में रहकर संबधित अपराध कि तैयारी कर वारदात को अंजाम दे सकते है। साथ ही जबलपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्र मंे भी इन नियमों की अनदेखी की जा रही है।
कमर्शियल टैक्स बचाने की जुगत
इस तरह की समस्या का मुख्य कारण इन मकानमालिकों द्वारा नगर निगम से लगने वाला कमर्शियल टैक्स बचाना है, क्योंकि निगम इन मकानों से कमर्शियल टैक्स वसूल करता है जो किराये से मकानों को संचालित कर रहे है। मुख्यत देखा जा रहा है कि इसमें नियमों के जानकार भी नियमों को ताक पर रखकर किरायेदारों को रख रहे है और संबंधित थानाक्षेत्रों में इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है।
शहर में धडल्ले से जारी हॉस्टल कारोबार
देखा जा रहा है कि शहर में अब हॉस्टल चलाना भी कारोबार बन गया है, आप आसानी से कही भी इस तरह के निजी संचालित हॉस्टलों में किराये से कमरा लेकर रह सकते है। इसके लिये आपको केवल हॉस्टल संचालक को अपनी जानकारी देनी होती है, लेकिन इसमें किसी तरह का वैरिफिकेशन नहीं होता है।
सभी थानाक्षेत्रों में यही स्थिति
किराये से मकानों को देने का कारोबार शहर में जमकर फल फूल रहा है और देखा जा रहा है कि बाहर से आए हुए लोग ही इन मकानों में रह रहे है, जिसको लेकर उक्त थानाक्षेत्रों की पुलिस को भी सजगता रखनी चाहिये, लेकिन देखा जा रहा है कि आसपास के लोगों के बीच जागरूकता का अभाव पुलिस तक इसकी जानकारी नहीं पहुंचा रहे है। वहीं नगर निगम का अमला भी इस तरह के लोगों से टैक्स की वसूली नहीं कर पा रहा है।
इस संबंध में सभी थानाप्रभारियों को निर्देशित किया जायेगा कि, संबंधित मकान मालिक द्वारा अपने किरायेदारों की सूचना पुलिस के पास देनी होगी और अगर ऐसा नहीं हुआ तो कडी कार्रवाई की जायेगी। वहीं हम इसको लेकर एक जागरूकता अभियान भी शुरू कर लोगों को उनकी जिम्मेवारी का अहसास करायेगें।
गोपाल खांडेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक