गलत इलाज से महिला की मौत, आरोपी डॉक्टर गिरफ्तार, मामला दर्ज होने के बाद एक साल से काट रहा था फरारी

रैपुरा, यशभारत। पन्ना जिले के रैपुरा में कथित बंगाली डॉक्टर की लापरवाही से महिला की मौत होने के बाद 1 साल से फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बिना चिकित्सकीय योग्यता के इलाज कर रहा था। घटना के बाद आरोपी 1 साल तक फरार रहा। पुलिस ने महोबा उत्तरप्रदेश से आरोपी को दबोचा। पुलिस ने बताया कि सुरेन्द्र सिंह आदिवासी निवासी ग्राम लखनचौरी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि उसकी माता श्रीमती प्रकाश रानी आदिवासी का इलाज बघवारकला में स्थित एक कथित बंगाली डॉक्टर प्रशांत विश्वास द्वारा किया गया। प्रशांत विश्वास द्वारा माता को इंजेक्शन, बोतल एवं दवाएं दी गईं। इंजेक्शन लगाए जाने के तत्काल पश्चात श्रीमती प्रकाश रानी की तबीयत बिगड़ गई और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। रिपोर्ट पर मर्ग पंजीबद्ध कर जांच की गई। पीएससी रैपुरा द्वारा की गई क्यूरी रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि दी गई दवाओं का मरीज की स्थिति के अनुरूप नहीं होना, इंजेक्शन का गलत रूट से दिया जाना, दवाओं की ओवरडोज तथा संभावित ड्रग टॉक्सिसिटी एवं हाइपरसेंसिटिविटी के कारण मरीज की मृत्यु होना संभाव्य है। उक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि आरोपी प्रशांत विश्वास द्वारा यह जानते हुए कि उसके पास चिकित्सा का विधिक ज्ञान एवं योग्यता नहीं है, फिर भी उसने गंभीर चिकित्सकीय प्रक्रिया अपनाई, जिससे मरीज की मृत्यु हुई। पुलिस ने धारा 304 ए एवं धारा 24 मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम 1987 पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। फरार आरोपी को गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमांड पर माननीय न्यायालय पवई में पेश किया गया है। कार्रवाई में उप निरीक्षक संतोष सिंह यादव थाना प्रभारी रैपुरा, प्रधान आरक्षक धीरेंद्र सिंह, रवि खरे आरक्षक द्वारका अहिरवार, अतुल मेहरा, राहुल सिंह, राजेश पटेल का सराहनीय योगदान रहा।फोटो नंबर
गलत इलाज से महिला की मौत, आरोपी डॉक्टर गिरफ्तार
मामला दर्ज होने के बाद एक साल से काट रहा था फरारी
रैपुरा, यशभारत। पन्ना जिले के रैपुरा में कथित बंगाली डॉक्टर की लापरवाही से महिला की मौत होने के बाद 1 साल से फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बिना चिकित्सकीय योग्यता के इलाज कर रहा था। घटना के बाद आरोपी 1 साल तक फरार रहा। पुलिस ने महोबा उत्तरप्रदेश से आरोपी को दबोचा। पुलिस ने बताया कि सुरेन्द्र सिंह आदिवासी निवासी ग्राम लखनचौरी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि उसकी माता श्रीमती प्रकाश रानी आदिवासी का इलाज बघवारकला में स्थित एक कथित बंगाली डॉक्टर प्रशांत विश्वास द्वारा किया गया। प्रशांत विश्वास द्वारा माता को इंजेक्शन, बोतल एवं दवाएं दी गईं। इंजेक्शन लगाए जाने के तत्काल पश्चात श्रीमती प्रकाश रानी की तबीयत बिगड़ गई और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। रिपोर्ट पर मर्ग पंजीबद्ध कर जांच की गई। पीएससी रैपुरा द्वारा की गई क्यूरी रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि दी गई दवाओं का मरीज की स्थिति के अनुरूप नहीं होना, इंजेक्शन का गलत रूट से दिया जाना, दवाओं की ओवरडोज तथा संभावित ड्रग टॉक्सिसिटी एवं हाइपरसेंसिटिविटी के कारण मरीज की मृत्यु होना संभाव्य है। उक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि आरोपी प्रशांत विश्वास द्वारा यह जानते हुए कि उसके पास चिकित्सा का विधिक ज्ञान एवं योग्यता नहीं है, फिर भी उसने गंभीर चिकित्सकीय प्रक्रिया अपनाई, जिससे मरीज की मृत्यु हुई। पुलिस ने धारा 304 ए एवं धारा 24 मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम 1987 पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। फरार आरोपी को गिरफ्तार कर ज्यूडिशियल रिमांड पर माननीय न्यायालय पवई में पेश किया गया है। कार्रवाई में उप निरीक्षक संतोष सिंह यादव थाना प्रभारी रैपुरा, प्रधान आरक्षक धीरेंद्र सिंह, रवि खरे आरक्षक द्वारका अहिरवार, अतुल मेहरा, राहुल सिंह, राजेश पटेल का सराहनीय योगदान रहा।






