कोमल की पूरी जिंदगी अनसुनी हो गई, मेडिकल के डॉक्टरों ने यंत्र देकर जीवन को बनाया सफ ल
जबलपुर, यशभारत। कोमल नाम जरूर है पर जिंदगी ऐसी नहीं है 10 साल पहले एक बीमारी की वजह से कानों से सुनाई कम देना पड़ा सोचा कि अब कभी सुन नहीं पाऊंगा उसका कारण गरीबी थी। लेकिन नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल अस्पताल की नाक-कान गला विभाग की एचओडी डॉक्टर कविता सचदेवा के प्रयास और परिश्रम से कोमल सुन पा रहे हैं। बेलखेड़ा निवासी हीरा बाई का कहना एक साल सुनाई देना बंद हो गया था, गुरूवार को मेडिकल शिविर में पहुंची और कानों का यंत्र मिला जिसके बाद उसे सुनाई देने लगा।
हर वर्ष 3 मार्च को ‘ विश्व श्रवण दिवस ‘ मनाया जाता है । इस अवसर पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय के नाक , कान , गला विभाग में श्रवण जाँच शिविर का आयोजन किया गया । जिसमे श्रवणबाधित व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन किया गया एवं जिन मरीजों को कान के नसों की कमजोरी है एवं जो मरीज गरीबी रेखा से नीचे है उन्हें श्रवणयंत्र दिया गया। इसके साथ ही आपरेशन पात्र मरीजों का निशुल्क आपरेशन किया जायेगा । जनसामान्य में श्रवणबाधिता संबंधी जागरूकता के लिए रैली का आयोजन किया गया । इस रैली में एमबीबीएस तृतीय वर्ष और बीएएसएलपी छात्राओं ने सहभागिता की । डीन डॉ पीके कसार ने रेली को डीन पोर्च से रवाना किया । नर्सिंग महाविद्यालय के प्राचार्य श्रीमती अर्चना पीटर और छात्र भी रेली मे उपस्थित थे । इस रैली में अधिक्षक डॉ . अरविंद शर्मा , नाक , कान , गला विभागाध्यक्ष डॉ . कविता सचदेवा , डॉ . अनिरुध्द शुक्ला , सीनीयर रेसिडेंट डॉ . रिचा वत्सयायन, डॉ नीतू प्रजापती भी उपस्थित रहीं। श्रवणबाधित व्यक्तियों को इस अवसर पर डीन डॉ .पीके कसार द्वारा श्रवणयंत्र का वितरण किया गया ।