कमलनाथ के गढ़ में बड़ी सेंध, अमरवाड़ा विधायक शाह हो सकते है भाजपा में शामिल
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की 29 में से 29 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इस बार भाजपा कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में सेंध लगाने पूरा जोर लगा रही है। यहां से एक के बाद एक नेताओं को भाजपा में शामिल किया जा रहा है। अब छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट से विधायक कमलेश शाह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निवास पहुंचे है, उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें है।
शाह ने मुख्यमंत्री निवास आने से पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट के प्रोफाइल से कांग्रेस का नाम हटा दिया। ऐसे में अटकलें है कि शाह भाजपा की सदस्यता ले सकते है। उनके साथ पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष और उनकी पत्नी माधवी शाह भी भाजपा में शामिल होगी। शाह तीन बार से विधायक है। शाह भाजपा में जाते है तो इसे पूर्व सीएम कमलनाथ के लिए बड़ा झटके के रूप में देखा जा रहा है। यह नेता भी हुए भाजपा में शामिल छिंदवाड़ा जिले में भाजपा लगातार पूर्व सीएम कमलनाथ को झटके पर झटका दे रही है। कुछ दिन पहले छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस के 7 पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता ली।
इसके पहले पाढुर्ना नगर पालिका अध्यक्ष संदीप घोटोड़े, 16 सरपंच समेत कई नेताओं भगवा पार्टी में शामिल हुए। वहीं, कमलनाथ के करीबी सैयद जाफर और पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के पुत्र अजय सक्सेना एवं पूर्व मंत्री तेजीलाल सरयाम की बहु सुहागवती सरयाम भी भाजपा छोड़ चुके हैं। मोदी लहर में भी भाजपा को नहीं मिली जीत छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा को 2014 में मोदी लहर के बावजूद जीत नहीं मिली थी। यहां से कमलनाथ ने 9 बार लोकसभा का चुनाव जीता और वह दो बार यहां से विधायक भी बनें। पिछली बार 2019 में छिंदवाड़ा ही एक मात्र सीट थी, जिसे भाजपा जीतने में असफल रही थी।
2023 के विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा की सातों विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती थी। इस बार कमलनाथ का गढ़ बचाना आसान नहीं भाजपा ने कमलनाथ के गढ़ में सेंध लगाने के लिए बड़ी रणनीति तैयार की है। पहले पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ को भाजपा में शामिल होने को लेकर अटकलें लगी, लेकिन जब यह विफल हो गई तो भाजपा ने उनके करीबियों को तोडऩे की चाल चली।
छिंदवाड़ा में भाजपा के पदाधिकारी हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल करने का दावा कर रहे है। वहीं, पिछली बार नकुलनाथ को लोकसभा चुनाव में करीब 37 हजार वोटों से जीत मिली थी। वहीं, कमलनाथ भी विधानसभा का चुनाव 25 हजार वोटों से जीते। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि इस बार पूर्व सीएम को अपना गढ़ बचाना बड़ी चुनौती होगा।