कटनी की भाजपा में बड़े बदलाव की आहट, क्या इसलिए रोकी गई जिला कार्यकारिणी की घोषणा ? सत्ता और संगठन में पावरफुल लोग होंगे पावरलैस
बिहार चुनाव के बाद उभरेंगे नए समीकरण, हर नियुक्ति में दिखेगा असर

कटनी, यशभारत। कटनी की भाजपा में क्या कुछ बड़ा होने वाला है, इसलिए जिला कार्यकारिणी की घोषणा रोक दी गई है ? यह सवाल भाजपा कार्यकर्ताओं को बेचैन कर रहा है। प्रदेश के अधिकांश जिलों की टीमें सामने आ जाने के बावजूद कटनी जिले की भाजपाई टीम को रोका जाना नए संकेतों को जन्म दे रहा है। राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि जिले की टीम में बदलाव से कहीं आगे जाकर कोई बड़ा निर्णय लिया जाना है, इस पर गंभीरता से विचार मंथन शुरू हो चुका है। बिहार चुनाव के बाद इस मंथन के नतीजे सामने आयेंगे। तब तक नए समीकरणों की आहट सुनाई देते ही अनेक नेता राजधानी में अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं। पिछले एक माह में संगठन के बड़े नेताओं से भोपाल में हुई कटनी के नेताओं की मुलाकातों को इसी नज़रिए से देखा और समझा जा रहा है।
सूत्र बता रहे हैं कि 14 नवंबर को बिहार चुनाव के परिणाम आने के बाद एमपी भाजपा में हलचल तेज हो जाएगी। अभी प्रदेश के प्रमुख नेताओं की चुनाव ड्यूटी की वजह से संगठन के जरूरी काम भी पेंडिंग हैं। कुछ दिन पहले प्रदेश भाजपा के सरदार हेमंत खंडेलवाल ने प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा तो कर दी किंतु कटनी समेत कुछ विवादित जिलों की जिला टीमों का ऐलान वे नहीं कर सके। जिन जिलों की टीमें सामने नहीं आ सकी उसकी मुख्य वजह क्षेत्रीय नेताओं के बीच नामों को लेकर समन्वय का अभाव है। कटनी के मामले में साफ तौर पर यही संदेश हैं कि यहां जिले के नेताओं के बीच आपस में सहमति नहीं बन पा रही। दूसरी बात यह है कि भाजपा संगठन में विद्यार्थी परिषद के वर्चस्व वाले जिन जिलों को राडार पर रखा गया है, उनमें कटनी भी शामिल है। कटनी की सियासी परिस्थितियों से टीम हेमंत पूरी तरह वाकिफ है, इसलिए पूरा ऑपरेशन बड़ी सावधानी के साथ किया जा रहा है। इन दिनों राजनीतिक और अन्य मामलों में हॉट सीट पर बैठे कटनी जिले को लेकर प्रदेश के नेता भी चौकन्ने हैं और इसका असर आने वाले दिनों में देखने मिल सकता है। सूत्र बताते हैं कि कटनी के मामले में अब हर नियुक्ति पर बारीक नजर रखी जा रही है, चाहे वह सत्ता से जुड़ी हो या संगठन से। वीडी शर्मा के अध्यक्षीय कार्यकाल में जो कुछ चला, उसकी पूरी खबर भोपाल में मौजूदा दौर के पॉवर सेंटर को है। कटनी जिले में एक पूरी लॉबी अब भी अपना वर्चस्व बनाए हुए है, जिसके पर कतरने की बिसात भी भोपाल में बिछ चुकी है, बस सही मौके का इंतजार किया जा रहा है। कटनी के संगठन और सत्ता से जुड़े प्रतिष्ठानों को अपनी मनमर्जी से हांकने वाली तिकड़ी की सर्जरी के लिए प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री समेत अन्य नेता पूरी स्क्रिप्ट तैयार कर चुके हैं, बस देरी है तो इसे धरातल में उतारे जाने की। हमारे राजधानी स्थित सूत्रों ने यह भी खबर दी है कि अब जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के नाम तय करने से भी आगे का सोचा जा रहा है। कुछ बड़ा होने वाला है। हो सकता है एक झटके में सारी फिज़ा ही बदल जाए।
विधानसभा चुनाव के पहले बदल जाएगा बहुत कुछ
सूत्र बताते हैं कि पार्टी कटनी जिले को लेकर बड़ा प्लान कर चुकी है, लेकिन इसे धीरे धीरे अमल में लाया जाएगा। सारी चीजों का खुलासा अगले विधानसभा चुनाव तक होगा। इस बार विधानसभा चुनाव के पहले तक पार्टी में काफी चीजें बदली हुई मिलेंगी। नए समीकरणों की आहट अभी से सुनाई पड़ने लगी है। उधर कुछ दिनों बाद शुरू होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों में भी इसका असर देखने मिल सकता है। सूत्र बताते हैं कि निगम, मंडल या बोर्ड के लिए भी कोई नाम कटनी से चुना जा सकता है। इसी तरह कटनी विकास प्राधिकरण में भी आने वाले दिनों में ताजपोशी होने वाली है। नगरीय निकायों में एल्डरमैन की नियुक्तियों की सुगबुगाहट भी है। इन तमाम नियुक्तियों में इस बात का खास ध्यान रखा जाने वाला है कि कटनी में जो अब तक होता आया है, उसमें बदलाव हो। किसी एक गुट के हाथ सत्ता और संगठन के सारे सूत्र न रहें। मंत्रिमंडल विस्तार भी अगर होता है तो डॉ मोहन यादव की सरकार में कटनी को जगह मिल सकती है, बस कयास इस बात के लगाए जा रहे हैं कि इस बार नाम चौंकाने वाला होगा। कुल मिलाकर आने वाले समय में पूरी भाजपा बदली हुई नजर आ सकती है।







