जबलपुरमध्य प्रदेश

एनएच 30 मार्ग बदहाल ,किनारे रखे पत्थर, मटेरियल बन रहा परेशानी का सबब , हादसों का अंदेशा, निर्माण एजेंसी लापरवाह

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मंडला , यश भारत । कड़ी धूल के उड़ते गुबार तो कहीं वाहनों के पहिये से उड़ी गिट्टी डस्ट, ये किसी गांव की सड़क नहीं बल्कि जिले की लाइफ लाइन मंडला से जबलपुर नेशनल हाईवे 30 की हालत है, जो गांवों की सड़कों से भी बदतर हो गई है।

 

एनएच 30 मार्ग निर्माण को करीब 9 वर्ष हो गए, वहीं मार्ग निर्माण आज दिनांक तक पूर्ण नहीं हो सका है। एनएच 30 मार्ग निर्माण के लिए दूसरी बार टेंडर हुआ और हाईवे की मरम्मत का कार्य अब किया जा रहा है। मार्ग निर्माण की समय सीमा भी खत्म होने वाली है, लेकिन इस निर्माण एजेंसी द्वारा भी लेटलतीफी की जा रही है।

मरम्मतीकरण में भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।बता दे कि हार्डवे मार्ग पूर्ण होने के पहले ही बदहाल हो चुका है, जगह-जगह सड़क में गड्डे, दरारें और कुछ हिस्सों का कार्य चल रहा है। जहां मार्ग निर्माण हो चुके है, वहां गड्डी और दरारों ने अपना स्थान बना लिए है। अब जहां मार्ग निर्माण चल रहा है, उस मार्ग के कुछ क्षेत्र में धूल के गुब्बारें राहगीरों की परेशानी का शबब बना हुआ है। यह मार्ग ययैडा के आगे पहाड़ी को काटकर बनाया जाने वाले मार्ग के हाल है। यहां धूल के गुब्बारों के साथ गिट्टियां पत्थर भी वाहनों राहगीरों के लिए परेशानी बने हुए है। वहीं यारिश होने पर यह मार्ग कीचड़ में तब्दील हो जाता है।

 

जानकारी अनुसार मार्ग निर्माण एजेंसी द्वारा जहां मार्ग पूर्ण हो चुके है, वहां मार्ग किनारे बोल्डर वाली मुर्रम, पत्थर, गिट्टी का भराव कर रही है, जो मार्ग में चलने वाले दोपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए हादसे का अंदेशा बन रहा है। इसके साथ ही निर्माण एजेंसी की लापरवाडी देखों कि मटेरियल मार्ग किनारे रखने के बाद इसके उक्त स्थान पर फिल तुरंत नहीं किया जा रहा है जिसके कारण मार्ग किनारे रखी गिट्टिया पत्थर सड़क में फैल रही है।

 

जिससे दोपहिया वाहन चालकों के लिए परेशानी का सवय बनी हुई है। यता दे कि मंडला से नारायणगंज क्षेत्र तक कई क्षेत्रों में बड़े-बड़े पत्थर और गिट्टिया और मटेरियल मार्ग में फैल रहा है, जो मुसीयत यन गई है। यदि मार्ग किनारे से कोई चौपहिया वाहन रफ्तार से निकलता है तो पत्थर और गिट्टियां छिटकर आने जाने वालें लोगों को चोटिल कर सकती है। निर्माण एजेंसी इस बात का ध्यान नहीं रख रही है।

चोटिल होने का बना रहता है डर

एनएच 30 से गुजरने वाले राहगीरों ने बताया कि हाईवे मार्ग तो जिलेवासियों की सुविधा के लिए बनाया गया है, लेकिन यह मार्ग बनने से पहले ही अपनी कहानी बयां कर रही है। जगह-जगह गड्डे और दरारें आ गई है, मार्ग की ऐसी हालत हो गई है कि इस मार्ग को बनते नौ वर्ष हो गए, लेकिन जर्जर होने में उससे कम समय लगा। मार्ग के गड्डे और दरारों के कारण यहां से गुजरने वाले दोपहिया वाहन और राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां हादसे का अंदेशा हमेशा बना रहता है। वहीं मार्ग किनारे बिछाने के लिए रखे पत्थर और गिट्टियों से दोपहिया वाहन चालक अनियंत्रित हो रहे है। जिससे हादेशा का अंदेशा बना हुआ है।

इनका कहना है…..

निर्माण एजेंसी द्वारा एनएच 30 मार्ग का गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य किया गया है। नारायणगंज से मंडला मार्ग में सड़क किनारे पटरी में पत्थर, गिट्टियां बिछाई गई है, लेकिन ये मटेरियल मार्ग में फैल रही है, मार्ग से गुजरने वाले दो पहिया, चौपहिया वाहन इस फैले हुए मटेरियल से अनियंत्रित हो रहे है, यहां से गुजरने वाले दोपहिया वाहनों को हादसे का अंदेशा बना हुआ है।

अजय, स्थानीय रहवासी

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