उच्च शिक्षा विभाग की आंखों में धूल झोंककर सागर के अग्रणी कॉलेज में बनी प्राचार्य : जांच कमेटी गठित

भोपाल/ संभागीय मुख्यालय सागर के नोडल कॉलेज में पदस्थ प्रोफेसर द्वारा उच्च शिक्षा विभाग की आंख में धूल झोंककर वरिष्ठता सूची में हेरफेर करते हुए प्राचार्य का पद हासिल करने समेत आर्थिक अनियमितताओं के मामले ने तूल पकड़ लिया है। उक्त मामले को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुपम राजन ने कमेटी गठित कर पूरे मामले की जांच करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
बीते साल अगस्त माह में तत्कालीन प्राचार्य डॉ संजीव दुबे के रिटायरमेंट के बाद हिंदी विभाग की प्राध्यापक डॉ सरोज गुप्ता को तात्कालिक प्रभार दिया गया था। लेकिन वरिष्ठता सूची में निचले क्रम में रहने के बावजूद सूची में हेरफेर कर उच्च शिक्षा विभाग से प्राचार्य के पद पर अपना आदेश निकलवा लियाl लेकिन उनके खिलाफ कई शिकायतों के चलते उच्च शिक्षा विभाग ने जनवरी माह में उन्हें प्राचार्य पद से हटा दिया था।
सागर के अग्रणी कॉलेज शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में पदस्थ हिंदी विभाग की प्रोफेसर डॉ सरोज गुप्ता के खिलाफ प्राचार्य बनने के लिए दस्तावेजों में हेरफेर कर वरिष्ठता सूची को ही बदलने के अलावा आर्थिक अनियमितताओं के भी आरोप लगे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने कॉलेज की फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में इंडियन ओवरसीज बैंक में एफडी के तौर पर जमा 2 करोड रुपए की रकम को खुर्द बुर्द करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग की अनुमति लिए बगैर ही इस रकम की एफडी को तुड़वाकर प्राइवेट एचडीएफसी बैंक के चालू खाते में जमा कर दी। जिस कारण ब्याज के रूप में मिलने वाली लाखों रु की रकम का आर्थिक नुकसान महाविद्यालय को उठाना पड़ा।
डॉ सरोज गुप्ता ने करीब 6 महीनो के कार्यकाल में इस रकम को जनभागीदारी समिति के अनुमोदन या किसी सक्षम अनुमति के बिना लाखों रुपए की खरीदी मोटे कमीशन पर कर सरकारी जमा धन को खर्च कर दिया। उन पर इस सरकारी पैसे से कई निजी कार्यक्रम और सामग्री की भी खरीदी के भी आरोप है।
प्रो सरोज गुप्ता ने अनुकंपा नियुक्ति के शासन के नियम और निर्देश का दुरुपयोग कर निजी फायदा उठाते हुए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी के हक का गला घोंटकर आरक्षण नियमों तथा रोस्टर के विरुद्ध इस पद पर अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदक को नियम विरुद्ध रूप से नियुक्त कर दिया।
प्रो सरोज गुप्ता के 6 महीने के महज छोटे से कार्यकाल में आर्थिक अनियमिताओं के चलते राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने संज्ञान लेते हुए उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित की है। जांच कमेटी को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं जिसके बाद प्रोफेसर सरोज गुप्ता की पूरी अनियमितताओं से पर्दा उठ सकेगा।
इन्होंने कहा…..
मेरे संज्ञान में ये बात आई है कि डॉ सरोज गुप्ता ने उच्च शिक्षा विभाग को गलत वरिष्ठता सूची भेजकर प्राचार्य का पद हासिल किया गया था। जनभागीदारी मद से 2 करोड़ रुपए की एफडी इंडियन ओवरसीज बैंक में जमा थी जिसे तोड़कर प्राइवेट बैंक एचडीएफसी में चालू खाता खोलकर जमा की गई है। चतुर्थ श्रेणी की अनुकम्पा नियुक्ति में सामान्य वर्ग के पद को ओबीसी से भरा गया है।*
डॉ जी एस रोहित
प्राचार्य, कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, सागर