अब दिल्ली में जोर लगा रहे कटनी के भाजपा नेता, 5 जनवरी को होगी भाजपा जिलाध्यक्ष की घोषणा, पैनल पर दिल्ली में माथापच्ची

कटनी। नए साल के जश्न की तैयारियों के बीच भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को अपने नए मुखिया का इंतजार है। सूत्र बताते हैं कि आज दूसरे दिन भी दिल्ली में संगठन चुनाव से जुड़े महत्वपूर्ण मामले को लेकर बैठक चल रही है, जिसमें जिलाध्यक्षों को लेकर पार्टी की नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद भोपाल से जो पैनल दिल्ली भेजे गए हैं उन पर चर्चा के बाद 5 जनवरी को एक साथ प्रदेश के अधिकांश जिलाध्यक्षों की घोषणा हो जाएगी। दिल्ली में बड़ी बिसात एमपी भाजपा के नए मुखिया को लेकर बिछ चुकी है। कटनी के सांसद वीडी शर्मा इस पद पर बने रह पाएंगे या नहीं, इस पर कटनी जिले की भाजपाई सियासत टिकी हुई है। वीडी अगर प्रदेश अध्यक्ष पद से हटे तो कटनी की राजनीति के बहुत सारे समीकरण बदल जाएंगे।
सत्ता में काबिज पार्टी का संगठन भी मायने रखता है, क्योंकि प्रशासन के अधिकारी संगठन के प्रमुख लोगों के साथ तालमेल बनाकर सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारते हैं, ऐसे में भाजपा का जिला संगठन और इसके कर्ताधर्ता अरसे से कटनी की सियासत के केंद्र में बने हुए हैं। विधायकों की अपनी भूमिका है, किंतु संगठन के जिलाध्यक्ष का पद पार्टी में अहम माना जाता है क्योंकि पार्टी के बनाव के मुताबिक जनप्रतिनिधि भी संगठन से ऊपर नहीं। इसी वजह से इस खास पद को लेकर कटनी में आधा दर्जन भाजपा नेता भोपाल से लेकर दिल्ली तक पसीना बहा रहे है। कोई दिल्ली में डेरा डाले है, तो कोई अपने आकाओं की गणेश परिक्रमा कर वापस आ चुका है। सूत्र बताते हैं कि कटनी में रायशुमारी के बाद पर्यवेक्षक लता एलकर और चुनाव प्रभारी हरिशंकर खटीक ने जो पैनल तैयार किए थे, वे भोपाल में सूचीबद्ध होकर दिल्ली जा चुके हैं। इस बार दिल्ली से ही सबकुछ फाइनल होना है, इसलिए हर किसी की धड़कन बढ़ी हुई है। तमाम समीकरण साधने के बावजूद मौजूदा जिलाध्यक्ष भी इस भरोसे में नहीं है कि उनकी वापसी हो ही रही है, जबकि बाकी दावेदार भी अपने लिए उम्मीद पाले बैठे है। चर्चाओं के केंद्र में जो नाम बने हुए हैं वो दीपक सोनी टंडन के अलावा पीतांबर टोपनानी, शशांक श्रीवास्तव, अश्वनी गौतम और सुनील उपाध्याय के हैं। हालांकि रायशुमारी में कई लोगों ने आशीष गुप्ता, अभिषेक ताम्रकार, गीता गुप्ता और आशीष तिवारी का भी नाम लिया। पैनल में कौन से तीन नाम है, यह तो प्रभारी और पर्यवेक्षक ही जानें किन्तु स्थानीय स्तर पर जो चर्चा है, उसके मुताबिक इस बार प्रदेश के नेताओं की भी बहुत ज्यादा नहीं चलने वाली। विधायक भी अपनी पसंद का जिलाध्यक्ष चाहते है, जबकि प्रदेश के कुछ नेता भी कटनी के जिलाध्यक्ष पद को लेकर इंट्रेस्ट ले रहे है, इस सबके बावजूद इस बार सीधे दिल्ली से नाम तय होने की वजह से किसी को भी मौका मिल सकता है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि रायशुमारी के अतिरिक्त भी अन्य माध्यमों से सर्वे रिपोर्ट बुलवाई गई है, जिन्हें घोषणा का मुख्य आधार बनाया जाएगा। पार्टी इस बार लोकसभा और विधानसभा की टिकटों की तरह ही जिलाध्यक्ष के नाम तय कर रही है। सूत्रों के मुताबिक कटनी के कुछ नेताओं ने भोपाल में बहुत मेहनत की है। सुनील उपाध्याय लगातार दिल्ली और भोपाल में हाजिरी लगा रहे हैं तो अश्वनी गौतम भी राजधानी के अपने संपर्कों को खंगाल रहे हैं। उन्हें विधायकों के साथ की भी खबर है। कुल मिलाकर 5 जनवरी का सबको बेसब्री से इंतजार है। प्रदेश में रायशुमारी एक दिन बढ़ जाने से प्रकिया थोड़ा लेट हुई। दिल्ली में सबकुछ तय होने के बाद एक बार फिर भोपाल में बैठक होगी और इसके बाद घोषणा होगी।

