अच्छी खबरः स्कूल छोड़ चुकें विद्यार्थियों को लैब का ज्ञान देगा स्कूल शिक्षा विभाग – पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकारी स्कूलों में शुरू की गई नई व्यवस्था
-प्रदेश के 161 एवं जबलपुर संभाग के 30 विद्यालयों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्किल हब के रूप में विकसित किया
-15 से 40 वर्ष आयु वर्ग के स्कूल छोड़ने वाले बच्चों युवाओं के कौशल प्रशिक्षण मिलेगा
-3-4 वर्षों पूर्व के कक्षा 9 वीं के बाद अथवां कक्षा 10 वीं फेल शाला त्यागी विद्यार्थियों को प्रवेश
जबलपुर, यशभारत। ऐसे विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है जो सालों पहले स्कूल छोड़ चुकें है और उन्हें रोजगार की तालाश है। ऐसे विद्यार्थियों को स्कूल शिक्षा विभाग पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्कूलो ं बनी लैबों से जोड़ने जा रहा है। इसके तहत छात्रों को कौशल प्रशिक्षण मिलेगा वह किस दिशा अपना रोजगार बनाए इसके लिए उन्हें टिप्स दिए जाएंगे।
इसके तहत प्रदेश के 161 एवं जबलपुर संभाग के 30 विद्यालयों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्किल हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 15 से 40 वर्ष आयु वर्ग के स्कूल छोड़ने वाले बच्चों युवाओं के कौशल प्रशिक्षण मिलेगा।3-4 वर्षों पूर्व के कक्षा 9 वीं के बाद अथवां कक्षा 10 वीं फेल शाला त्यागी विद्यार्थियों को भी प्रवेश दिया जाएगा।
प्रायोगिक कार्य का प्रशिक्षण लैब में मिलेगा
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रदेश के 161 शा.उ.मा. विद्यालयों को स्किल हब बनाया जा रहा है । प्रदेश के इन विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित है , जिनमें प्रायोगिक कार्य हेतु लैब स्थापित किये जा चुके हैं । इन लैब का उपयोग 9 से 12 कक्षा के व्यावसायिक शिक्षा के विद्यार्थियों द्वारा किया जाता है ।
नवीन शिक्षा नीति के तहत शुरू किया गया प्रयोग
भारत सरकार द्वारा इन लैब का उपयोग अध्ययनरत विद्यार्थियों के अतिरिक्त स्कूल न जाने वाले एवं पढ़ाई के बाद रोजगार के लिए भटक रहे बाहरी बच्चों के लिए कौशल प्रशिक्षण केंद्र के रूप में किया जावेगा । , नवीन शिक्षा नीति 2020 में कौशल विकास एवं व्यावसायिक शिक्षा को विशेष महत्त्व दिया गया है । प्रदेश के 161 एवं जबलपुर संभाग के 30 विद्यालयों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्किल हब के रूप में विकसित किया जा रहा है ।
1 से 31 जनवरी चलेगा प्रशिक्षण
देश के 2000 , प्रदेश के 161 एवं जबलपुर संभाग के 30 विद्यालयों में स्किल हब प्रशिक्षण 01 जनवरी से 31 जनवरी 2022 तक चरणबद्ध तरीके से प्रारम्भ किया जाना है , जिसमें प्रत्येक बैच लगभग 20 से 40 प्रशिक्षणार्थियों का होगा ।
जिला कौशन विकास समिति की भूमिका अहम
जिला कौशल विकास समिति की भूमिका होगी कि जिला स्तर पर विभिन्न व्यवसायों व्यापार की मांग के बारे में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के बीच जागरूकता पैदा कर उन्हें स्किल हब में प्रशिक्षण हेतु प्रोत्साहित कर बच्चों के लिए मार्गदर्शन एवं परामर्श सत्र आयोजित करना । यह प्रशिक्षण पूर्णतः निःशुल्क है , प्रशिक्षण की अवधि 6 माह है ।
इस आधार पर मिलेगा प्रवेश
– विद्यालयीन शिक्षा में विद्यालय से ड्राप आउट विद्यार्थियों को स्किल हब में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाना है ।
– इस प्रशिक्षण हेतु छात्र का 8 वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है ।
– प्रशिक्षणार्थियों की उम्र 1 जनवरी 2022 को 15 से 29 वर्ष के बीच होना आवश्यक है ।
-3-4 वर्षों पूर्व के कक्षा 9 वीं के बाद अथवां कक्षा 10 वीं फेल शाला त्यागी विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जा सकता है । शाला में यह जानकारी उपलब्ध होती है । अतः इस आधार पर विद्यार्थियों की सूची तैयार करें ।
इनका कहना है
पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्कूल छोड़ चुकें विद्यार्थियों को व्यवसायिक लैब में लाकर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
मनोज काशिव, संभागीय समन्वयक व्यावसायिक शिक्षा