सम्पूर्ण प्रदेश में पुलिस की बीट प्रणाली होगी और भी मजबूत : मध्यप्रदेश पुलिस में 1 मार्च से “माइक्रो बीट प्रणाली” का होगा क्रियान्वयन

मंडला lअपराधों की विवेचना एवं रोकथाम पुलिस का मूलभूत दायित्व है। पुलिस व्यवस्था को जनोन्मुखी बनाने, अपराधों पर अंकुश लगाने, अपराधियों की ट्रैकिंग, सामुदायिक पुलिसिंग एवं बीट में निवासरत अपराधियों पर अंकुश रखने के दृष्टिकोण से बीट व्यवस्था को सुदृढ़ व प्रभावी क्रियान्वयन करने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश के निर्देशानुसार पुरे मध्यप्रदेश में 01 मार्च 2025 से “माईक्रो बीट प्रणाली” लागू होगी। बीट व्यवस्था और उसकी आवश्यकता पुलिस कार्यप्रणाली का प्रमुख हिस्सा एवं अपराध नियंत्रण व विवेचना का मूलभूत आधार रहा हैं। समय के साथ साथ काम करने के तरीके एवं पुलिस के कार्यों दृष्टिगत थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रत्येक छोटी-छोटी जानकारी को एकत्रित करना आदि तथ्यों को ध्यान में रखकर बीट कार्यों को चरणवार रुप से विभाजित कर क्रियान्वयन प्रारंभ करना तय किया गया है। माईक्रो बीट व्यवस्था अंतर्गत बीट के अंदर “माइक्रो बीट’ बनाये गये है।
जिसमें प्रत्येक आरक्षक/प्रधान आरक्षक के पास निश्चित गाँव एवं मोहल्ला को नामांकित किया गया हैं। जिससे उस क्षेत्र विशेष से संबंधित अपराध/अपराधियों की सम्पूर्ण जानकारी, उस निर्धारित आरक्षक/प्रधान आरक्षक के पास हो। थाने के सम्पूर्ण क्षेत्र को बीटो में एवं प्रत्येक बीट को विभिन्न ‘माइक्रो बीट’ में बांटा गया तथा “माइक्रो बीट में थाने से प्रत्येक आरक्षक/प्रधान आरक्षक का वितरण किया गया हैं, थाने के प्रधान आरक्षक लेखक एवं मालखाना मोहर्रिर को छोड़कर थाने के प्रत्येक कर्मचारी को गाँव/मोहल्ला आवंटित किया गयें हैं जो ‘माइक्रो बीट का कार्य करेंगे एवं थाना पर पदस्थ बल का सर्वाधिक एवं सर्वोत्तम उपयोग हो सकेगा। दिनांक 01 मार्च 2025 में बीट व्यवस्था के क्रियान्वयन के प्रथण चरण में ‘माइक्रो बीट’ अधिकारी हेतु ऑब्जरवेशन/इन्फॉर्मेशन बुक बनाया गया जिसमें पुलिस कर्मचारी ‘माइक्रो बीट” में निवासरत सभी निगरानी बदमाश, गुण्डा बदमाश, संदिग्ध, संपत्ति संबंधी सजायाब, फरारी बदमाश एवं आदतन अपराधियों की जानकारी दर्ज कर इनकी चैकिंग करेंगे। बीट में भ्रमण के दौरान ही संबंधित आरक्षक/प्रधान आरक्षक ‘माइक्रो बीट’ में लगे सीसी कैमरो की जानकारी भी एकत्रित करेगा, उक्त कैमरो का कवरेज मुख्य रोड पर कहां से कहां तक है, कैमरा किस स्थान पर लगा है एवं किसके नियंत्रण में है,l
सबंधित का मोबाईल नंबर भी इनफार्मेशन नोट बुक में लिखा जायेगा। साथ ही क्षेत्र में स्थित बैंकों एवं एटीएम सुविधा केन्द्रों की जानकारी, शादी/सामुदायिक भवनों की जानकारी, क्षेत्र के बाजारों के नाम, क्षेत्र में ज्वैलरी शॉप्स, होटल, लॉज रहने के लिए सराय, धर्मशाला, क्षेत्र में एक्सप्लोसिव विक्रेताओं, क्षेत्र में रहने वाले प्रमुख शासकीय, अर्ध शासकीय अधिकारियों एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों के संबंध में जानकारी, क्षेत्र में ठेला बाजार, साप्ताहिक बाजारों आदि की जानकारी, क्षेत्र में पार्क, बच्चों के खेल मैदान आदि की जानकारी, समय आदि सहित संदिग्ध व्यक्तियों घूमक्कड़ जातियों मुसाफिरों की जानकारी के साथ साथ ऑब्जर्वेशन बुक में क्षेत्र में मिलने वाली गोपनीय सूचनाओं के बारे में जानकारी दर्ज की जायेगी। जो की तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को बताई जायेगी। नई बीट प्रणाली में प्रत्येक बीट प्रभारी उनकी बीट में विभाजित “माइक्रो बीट” और उससे संबंधित कार्यों का पर्यवेक्षण करेंगे एवं थाना प्रभारी के मार्गदर्शन में प्रभावी ‘माइक्रो बीट व्यवस्था का जमीनी क्रियान्वयन करेंगे। जल्द ही “माइक्रो बीट” के कर्मचारी इस इन्फॉरमेशन/ऑब्जरवेशन मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से रखना प्रारंभ किया जावेगा ताकि एकत्रित जानकारी और उसका प्रयोग सभी पुलिस अधिकारियों की पहुँच में हो। बीट के कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे कार्य की मॉनीटरिंग प्रति सप्ताह थाना प्रभारी, प्रत्येक पक्ष में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) एवं प्रति माह पुलिस अधीक्षक द्वारा किया जावेगा।
मंडला में 1 जनवरी से होगा “माइक्रो बीट प्रणाली” का क्रियान्वयन के संबंध तैयारी पूर्ण
पुलिस अधीक्षक मंडला द्वारा थाना महाराजपुर का भ्रमण कर बीट प्रणाली के सफल क्रियान्वयन हेतु “माईक्रोबीट पुस्तिका” देकर उसमें दर्ज की जाने वाली जानकारी तथा माईक्रोबीट अधिकारी, बीट प्रभारी के दायित्वों के बारें बतातें हुए थाना प्रभारी से उनकी तैयारी के संबंध में जानकारी प्राप्त की गयी। बता दे मंडला पुलिस द्वारा समस्त थानों में 101 बीट बनायें जिनके अंतर्गत 305 माईक्रोबीट रखे गयें हैं।