YASHBHARAT EXCLUSIVE : एक वर्ष में 1164 दुर्घटनाएं,315 लोगों की हुई मौत : वाहन चालकों की लापरवाही बन रही हादसे का कारण,नववर्ष में सतर्कता जरूरी

सिवनी यश भारत:-राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) में बेकाबू गति से दौड़ते वाहन चालकों की मामूली सी चूक सैकड़ों जिंदगी पर भारी पड़ रही है। जनवरी से 27 दिसंबर तक सिवनी जिले में हुई 1164 सड़क दुघर्टना में 315 लोग काल में समा गए हैं। इनमें 35 प्रतिशत लोगों की मौत जबलपुर-नागपुर और सिवनी-छिंदवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग में हुई है, जिसका मुख्य कारण वाहनों की अनियंत्रित अंधाधुंध गति और यातायात संकेतकों की अनदेखी है। एनएच की तकनीकी कमियां भी दुघर्टनाओं का कारण रहा है। लेकिन अधिकांश मामलों में चालकों की लापरवाही और तेज रफ्तार ही मानव जीवन पर भारी पड़ा है।
एक जनवरी से 25 दिसंबर 2024 तक जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग में 255 सड़क दुघर्टनाएं दर्ज की गई है। इसमें 107 लोग मारे गए हैं, जबकि 290 गंभीर और सामान्य रूप से घायल हुए हैं। पिछले वर्ष से तुलना की जाए तो जिले की सभी सड़कों में दर्ज दुघर्टना की संख्या में मामूली अंतर आया है। वर्ष 2023 में 1177 सड़क दुघर्टनाओं में 304 लोग मारे गए थे जबकि 1764 घायल हुए थे। इस वर्ष 2024 में 1164 दुघर्टनाएं अब तक दर्ज हुई है, जिसमें 315 लोगों ने जान गंवाई है। जबकि 1710 व्यक्ति सामान्य अथवा गंभीर घायल हुए हैं। यातायात विभाग के दुघर्टनाओं में विश्लेषण भी यह बात सामने आई है कि अधिकांश दुघर्टनाओं का कारण अनियंत्रित रफ्तार व चालकों की लापरवाही होती है, जिसे सतर्कता और सावधानी से रोका जा सकता है।
यहां सबसे अधिक दुघर्टनाएं:-
लखनादौन अनुविभाग के पुलिस थानाें में सर्वाधिक दुघर्टनाएं इस वर्ष दर्ज हुई हैं। लखनादौन, धूमा, छपारा इत्यादि क्षेत्रों में 355 दुघर्टनाओं में 86 लोगों की मौत हुई है। जबकि 501 लोग घायल हुए हैं। इसके बाद केवलारी में 125 दुघर्टनाओं में 37 लोगों की जान चली गई।जबकि 170 घायल हुए हैं। कोतवाली थाना क्षेत्र में 110 दुघर्टनाओं में 17 की मौत और 121 घायल हुए हैं। वहीं बंडोल में 78 दुघर्टनाओं में 35 लोगों की मौत और 114 घायल हुए हैं। सबसे कम दुघर्टनाएं उगली और किंदरई में दर्ज की गई है। उगली में 15 दुघर्टना में मात्र 4 व्यक्तियों की मौत और 13 घायल हुए हैं। वहीं किंदरई में 19 दुघर्टनाओं में 4 की मौत और 34 घायल हुए हैं। इधर कुरई थाना क्षेत्र में 91 सड़क दुघर्टनाओं में 39 लोग मारे गए हैं, जबकि 104 घायल हुए हैं।
ब्लैक स्पाट पर रूकी दुघर्टनाएं:-
राष्ट्रीय राजमार्ग में चिंहित स्थानों में दुघर्टना रोकने कराए गए सुरक्षा उपायों का परिणाम है कि यहां पर सड़क दुघर्टनाओं की संख्या भारी कमी आई है। लखनादौन का चौथा मील, सिरमंगनी बायपास, बंडोल के गोरखपुर चौराहा, लखनादौन मिड-वे, कारीरात मिडवे और गंडाटोला ब्लैक स्पाट में होने वाली दुघर्टना में इस वर्ष कमी आई है। कुछ स्थानों पर पूरे वर्ष में एक भी दुघर्टना की संख्या शून्य है। यातायात पुलिस ने एनएच रोड सेफ्टी दल की मदद से इन स्थानों पर रंबल स्टिप 30-30 मीटर की दूरी पर बनाने के साथ ही अन्य सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
वाहन बढ़े तो चालन भी डेढ़ गुना:-
दोपहिया, चौपहिया वाहनों की संख्या में जिले में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इस अनुपात में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर चालान की संख्या भी डेढ़ गुना तक बढ़ गई है। इस वर्ष यातायात 11961 लोगों पर चालानी कार्रवाई कर 57 लाख रुपये से अधिक का शमन शुल्क वसूला है। बीते वर्ष लगभग आठ हजार लोगों ने चालानी कार्रवाई की गई थी। वहीं पुलिस विभाग ने पूरे जिले में लगभग 25 हजार लोगों का चालान बनाकर एक करोड़ रुपये से अधिक का शमन शुल्क वसूला है।
नववर्ष में सतर्कता जरूरी:-
पुलिस प्रशासन और यातायात विभाग ने नववर्ष में वाहन चालकों से सतर्कता बरतने की अपील की है। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मेहता ने कहा कि शीत ऋतु में दृष्यता सड़क में कम हो जाती है। ऐसे में चालकों को सावधानी के साथ नियंत्रित गति में वाहनों का संचालन नेशनल हाईवे व अन्य सड़कों पर करना चाहिए। सीट बेल्ट, हेलमेट और यातायात नियमों का पालन कर दुघर्टनाओं की क्षति को कम किया जा सकता है। नववर्ष के जश्न में होश होकर सड़क पर वाहन चलाने वाले चालकों की जांच करने यातायात पुलिस ने ब्रीथ लाइजर से चैकिंग शुरू कर दी है।
यातायात थाना प्रभारी विजय बघेल का कहना है कि नेशनल हाईवे सहित सभी सड़कों पर चालक नियंत्रित गति में वाहन का संचालन करेंगे तो गंभीर दुघर्टनाओं को रोका जा सकता है। सुबह 3 से 5 बजे के बीच सर्वाधिक सड़क दुघर्टनाएं घटित होती हैं। तीव्र गति से दौड़ने वाले वाहन के चालकों का यातायात विभाग द्वारा चालान काटा जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता का कहना है कि जिले में अधिकांश सड़क हादसे हाइवे पर ही होते हैं। तेज रफ्तार व यातायात के नियमों का पालन न करने से ज्यादातर दुर्घटनाएं होती हैं। हेलमेट न लगाने के कारण बाइक सवार की मौत होती है। जल्द ही हाइवे से लगे गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। ग्रामीणों को हेलमेट लगाकर ही दोपहिया वाहन चलाने के प्रति जागरूक किया जाएगा।