यशभारत पड़ताल: जबलपुर से प्रयागराज . बनारस व अयोध्या के लिए नहीं है डायरेक्ट ट्रेन
कुछ समय चलने के बाद बंद हो गई मंडुआडीह स्पेशल

इस रूट पर नहीं मिलती कंफर्म टिकट .तत्काल टिकट का ही सहारा
अन्य रूटों पर जबलपुर से दौड़ रही दर्जनों गाड़ियां
जबलपुर यशभारत।
समय के साथ साथ जहां एक ओर भारतीय ट्रेनों व स्टेशनों में काफी बदलाव आया है। और भारतीय रेलवे काफी एडवांस है जिससे की ट्रेन व स्टेशन काफी हाइटेक हो गए हैं। इसके साथ ही वर्तमान समय में भारतीय रेलवे कई हाई स्पीड ट्रेनें चला रहा है। वहीं पश्चिम मध्य रेल जबलपुर रेल मंडल के जबलपुर रेलवे स्टेशन से एक भी ट्रेन ऐसी नहीं है जो जबलपुर से प्रयागराज बनारस व अयोध्या धाम जाने के लिए ट्रेन डायरेक्ट चलती हो इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है
उल्लेखनीय की जबलपुर रेलवे स्टेशन से विभिन्न जिला एवं प्रदेशों में प्रतिदिन एवं सप्ताहिक दर्जनों ट्रेनों का संचालन हो रहा है किंतु प्रयागराज .बनारस व अयोध्या धाम जाने के लिए जबलपुर से कोई भी डायरेक्ट ट्रेन नहीं चल रही है ऐसी स्थिति में जबलपुर से इन तीर्थ स्थलों में जाने के लिए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है उल्लेखनीय की जबलपुर रेल मंडल द्वारा काफी समय पूर्व जबलपुर से मंडुआडीह के लिए एक साप्ताहिक ट्रेन चलाई गई थी जो कटनी सतना प्रयागराज होते हुए बनारस जाती थी वह भी कुछ समय चलने के बाद बंद हो गई।
अन्य ट्रेनों का लेते हैं सहारा
जबलपुर स्टेशन से प्रयागराज बनारस व अयोध्या धाम जाने के लिए सीधी ट्रेन न होने के कारण अन्य प्रदेशों से चल कर जबलपुर से गुजरने वाली ट्रेनों का सहारा लेकर यात्री गंतव्य की यात्रा करते हैं जिसमें लंबी वेटिंग होने के कारण कंफर्म सीट न मिलने के कारण यह सफर बहुत ही परेशानियों भरा रहता है। बता दें कि जबलपुर से प्रयागराज. बनारस व अयोध्या को जाने के लिए लोग ट्रेन में यह सोच कर यात्रा करना पसंद करते हैं कि रेल यात्रा सस्ती के साथ साथ आरामदायक है।इसकी वजह से संस्कारधानी एवं आसपास के लोग अधिकांशत इस रूट पर ट्रेनों से ही जाना पसंद करते हैं। इसके साथ ही अयोध्या धाम पहुंचने के लिए भी जबलपुर से कोई सीधी ट्रेन नहीं चल रही है मूर्ति स्थापना के समय जबलपुर से कुछ फेरे आस्था स्पेशल ट्रेन चली थी जो अब बंद हो गई।
इन रूटों पर जबलपुर से दौड़ती है ट्रेन
जहां एक और प्रयागराज .बनारस व अयोध्या के लिए जबलपुर स्टेशन से एक भी ट्रेन का संचालन नहीं हो रहा है वही दूसरी ओर जबलपुर से दिल्ली हावड़ा भोपाल मुंबई नैनपुर रीवा अंबिकापुर सोमनाथ लखनऊ बांद्रा कोयंबटूर पुणे अजमेर एवं कटरा सहित अन्य प्रदेशों को जबलपुर रेलवे स्टेशन से गाड़ियां चलती है वहीं तीर्थराज प्रयाग एवं काशी विश्वनाथ की नगरी बनारस के साथ अयोध्या धाम में भगवान राम की मूर्ति स्थापित होने के बाद लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं जहां पर भी पहुंचने के लिए जबलपुर से कोई भी सीधी ट्रेन नहीं है ।उल्लेखनीय की अयोध्या धाम पहुंचने के लिए एलटीटी से गोरखपुर साकेत एक्सप्रेस एवं फैजाबाद से रामेश्वरम दो ट्रेन ही चल रही है जिसमें अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं को कंफर्म टिकट का मिलना काफी मुश्किल होता है।
अस्थियां विसर्जन करने की है मान्यता
तीर्थराज प्रयागराज में अंतिम संस्कार के बाद फिर अस्थियों का विसर्जन भी किया जाता है। हिंदू धर्म में अस्थियों को विसर्जित करने की भी बहुत मान्यता है। जहां पर भारी तादात में लोग यहां पर पहुंचते हैं। इसके बावजूद भी जबलपुर से सीधी ट्रेन इस स्थान के लिए उपलब्ध नहीं है।
12 घंटे में पहुंचती है पैसेंजर ट्रेन
प्रयागराज को जाने के लिए जबलपुर से नहीं बल्कि इटारसी से छिवकी पैसेंजर ट्रेन चलती है इस ट्रेन में 12 घंटे का समय लगता है जबकि अन्य ट्रेनों के माध्यम से प्रयागराज तक का यह सफर 6 घंटे में पूर्ण होता है।
माघ मेला में उमड़ती है भीड़
तीर्थराज प्रयाग को तीर्थराज तीर्थों के राजा के रूप में जाना जाता है और यहां हर बारह साल में एक बार कुंभ आयोजित होता है, जो सबसे महान और पवित्र होता है।गंगा जमुना सरस्वती के पावन तट प्रयागराज में महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है जिसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। एक महीने तक चलने वाले इस मेले देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लोग भी माघ मेला लाखों की तादात में श्रद्धालु पहुंचते हैं। वावजूद इसके प्रयागराज जाने के लिए जबलपुर से डायरेक्ट कोई भी ट्रेन नहीं है जबकि इस रूट पर सर्वाधिक ट्रैफिक मिलता है।
क्या कहते हैं अधिकारी …
यदि इन रूटों के लिए मापक के आधार पर डिमांड आती है कि कितने टिकट बनने हैं व वेटिंग लिस्ट अधिक है तो उसके आधार पर प्रपोजल बनाकर हेड क्वार्टर भेजा जाएगा।
विश्व रंजन
सीनियर डीसीएम जबलपुर रेल मंडल