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विश्व रेबीज दिवस कलः 2030 तक कुत्तों से फैलने वाले रैबिज से नहीं होगी कोई मौत

वेटरनरी काॅलेज में कल सागर, रीवा और जबलपुर संभाग के विशेषज्ञ जुड़ेंगे

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जबलपुर,यशभारत। विश्व रेबीज दिवस शनिवार को है इसको लेकर नानाजी देशमुख काॅलेज में अनेक कार्यक्रम आयोजित होने जा रहे हैं। कार्यक्रम में सागर-रीवा और जबलपुर संभाग के विशेषज्ञ शामिल होंगे। जानकारी के अनुसार नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ मनदीप शर्मा के आदेशानुसार एवं पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशु पालन महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ आर के शर्मा के दिशा निर्देशन में पशु चिकित्सा परिसर में विश्व रेबीज दिवस के उपलक्ष्य पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे।
विदित है की पशु चिकित्सा परिसर, पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशु पालन महाविद्यालय जबलपुर द्वारा हर वर्ष विश्व रेबीज दिवस बड़े हर्षोल्लास से 28 सितम्बर को मनाया जाता है इसी क्रम में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 28 सितम्बर के दिन प्रातः 10 से 01 बजे तक निशुल्क एंटी रेबीज टीका करण का आयोजन पशु चिकित्सा परिसर में किया जायेगा जिसका शुभारम्भ कुलपति डॉ मनदीप शर्मा के द्वारा स्वान को प्रथम टीकाकरण कर किया जायेगा।

ये प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी
इसी उपलक्ष्य में छात्र छात्राओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे निबंध प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसके परिणाम 28 सितम्बर को विश्व रेबीज दिवस के दिन महाविद्यालय सभागार में घोषित किये जायेगे। इसी क्रम में पशु औषधि विभाग द्वारा एक दिन की वर्कशॉप का आयोजन भी किया जा रहा है जिसमे विषय विशेषज्ञों के द्वारा विभिन्न विषयो पर व्याख्यान दिया जावेगा। इस एक दिन की वर्कशॉप में मध्यप्रदेश पशुपालन विभाग के कुछ पशुचिकित्सक मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से भी भाग लेंगे।

विश्व रैबिज दिवस एक अंतरराष्ट्रीय जागरूकता अभियान
विश्व रैबिज दिवस एक अंतरराष्ट्रीय जागरूकता अभियान है, जिसे ग्लोबल एलायंस फॉर रैबिज कंट्रोल द्वारा समन्वित किया जाता है, जो अमेरिका में स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन है। यह संयुक्त राष्ट्र का एक अवलोकन है और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन, पैन अमेरिकन स्वास्थ्य संगठन, विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन और यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन जैसे अंतरराष्ट्रीय मानव और पशु स्वास्थ्य संगठनों द्वारा मान्यता प्राप्त है।

इसलिए मनाया जाता है रैबिज दिवस
विश्व रैबिज दिवस हर साल 28 सितंबर को मनाया जाता है, जो लुई पाश्चर की मृत्यु की वर्षगांठ है, जिन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर रैबिज का पहला प्रभावी टीका विकसित किया। विश्व रैबिज दिवस का उद्देश्य मानव और पशुओं पर रैबिज के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना, जोखिम में रहने वाले समुदायों में रोग की रोकथाम के बारे में जानकारी और सलाह प्रदान करना, और रैबिज नियंत्रण के लिए प्रयासों का समर्थन करना है।

मानव मृत्यु को समाप्त करना मुख्य उद्देश्य
रैबिज की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर होगा। विश्व रैबिज दिवस 2024 का विषय रैबिज सीमाओं को तोड़ना है, जिसका उद्देश्य रैबिज के खिलाफ लड़ाई में बाधाओं को पार करने के लिए चल रहे वैश्विक प्रयासों को उजागर करना है। ग्लोबल एलायंस फॉर रैबिज कंट्रोल का इस दिन में महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि यह विभिन्न हितधारकों को एकत्रित करता है और ष्शून्य द्वारा 30ष् पहल को बढ़ावा देता है, जिसका उद्देश्य 2030 तक कुत्तों द्वारा फैलने वाले रैबिज से मानव मृत्यु को समाप्त करना है। भारत में रैबिज की समस्या से निपटने के लिए, राष्ट्रीय रैबिज नियंत्रण कार्यक्रम को 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 3 अक्टूबर 2013 को स्थायी वित्त समिति की बैठक में स्वीकृत किया गया था। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में कार्य करता है, जिसका उद्देश्य रैबिज से लड़ना है।

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