महिला को प्रताड़ित करने वालों के विरुद्ध क्यों नहीं दर्ज की एफआइआर
जबलपुर । हाई कोर्ट ने महिला व उसके परिवार को प्रताड़ित करने वालों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज न किए जाने के मामले में जवाब-तलब कर लिया है। न्यायमूर्ति विशाल ाधगट की एकलपीठ ने इस सिलसिले में राज्य शासन, गृह विभाग के प्रमुख सचिव, पुलिस कमिश्नर, डीएसपी आलोक श्रीवास्तव, अशोका गार्डन पुलिस थाना के एसआई बलजीत सिंह, अजाक थाना प्रभारी, महिला थाना प्रभारी के अलावा निजी पक्षकार दिनेश शुक्ला, चंद्रेश शुक्ला व प्रतिमा शुक्ला को नोटिस जारी किए हैं।
याचिकाकर्ता भोपाल निवासी मोना वर्मा की ओर से अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि निजी पक्षकार दिनेश शुक्ला, चंद्रेश शुक्ला व प्रतिमा शुक्ला उसके ही मोहल्ले में रहते हैं। वे किसी न किसी बात को लेकर याचिकाकर्ता व उसके परिवार का जातिगत अपमान करते रहते हैं। 12 अक्टूबर, 2022 को दिनेश ने अपनी कार से मोना की स्कूटी में टक्कर मारी। विरोध करने पर दिनेश व उसके स्वजनों ने मारपीट की और याचिकाकर्ता के कपड़े फाड़ दिए। महिला और उसके परिजनों ने अशोका गार्डन पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इतना ही नहीं पुलिस ने पीड़िता व उसके स्वजनों के विरुद्ध ही प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया। जमानत पर छूटने के बाद भी पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की। सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत भेजी। इसके बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद जवाब-तलब कर लिया।