भेड़ाघाट में एक ट्रेक पर आ गई दो रेलगाड़ियां जबलपुर में खतरे के दो सायरन बजे . राहत बचाव अमला मौके पर पहुंचा
किशोर गौतम
जबलपुर यशभारत।
पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर रेल मंडल के अंतर्गत भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन रेलवे स्टेशन की साइडिंग में उस समय अपरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया जब एक ही रेल ट्रैक पर दो ट्रेन है आमने-सामने आ गई और उसके डिब्बे एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए उक्त दुर्घटना के बाद जबलपुर रेलवे स्टेशन में खतरे के शायरन बजते ही जहां रेलवे के अधिकारी शक्तते में आ गए वहीं स्टेशन में मौजूद यात्रियों को जब इस दुर्घटना की खबर चली तो उनमें भी हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई दुर्घटना की जानकारी रेलवे के अधिकारियों को लगते ही राहत बचाव गाड़ी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे जहां ट्रेन में फंसे यात्रियो को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल कर रेलवे के चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया । उल्लेखनीय की रेलवे और एनडीआरएफ.एसएनटी.आईएसओडब्लू ऑपरेटिंग विभाग एवं राहत बचाव गाड़ी सहित अन्य टीमों का मॉक ड्रिल आपात स्थिति से निपटने के लिए अभ्यास किया गया। जबलपुर रेलवे स्टेशन पर अचानक इमरजेंसी सायरन बजने के बाद अफरा-तफरी गई. रेलवे के इमरजेंसी सायरन लगातार बजने के बाद यात्रियों के कान खड़े हो गए एनडीआरएफ की टीम के साथ रेलवे के बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद नजर आए उक्त दुर्घटना में कीर्ती शाकया अनिल वानखेडे सतीश तिवारी नाविक शोभा राजकुमार कोरी सहित पांच यात्रियों की मौत हो गई एवं सतेंद्र पटेल अरुण मिश्रा दुर्गा तिवारी प्रमोद कुमार सहित 18 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए जिसमें रेलवे द्वारा सहायता राशि देने की घोषणा भी की गई। बाद में यात्रियों व अन्य लोगों को बाद में मालूम चला कि रेलवे के द्वारा आपातकाल से निपटने के लिए मॉक ड्रिल किया गया है तब कहीं जाकर स्टेशन की यात्रियों ने राहत भरी सांस ली।
*यह रहे उपस्थित*
माकड्रिल में डीआरएम विवेक शील एडीआरएम प्रदीप कुमार रेलवे चिकित्सा अधिकारी आर के मिश्रा आरपीएफ कमांडेंट अरुण त्रिपाठी जीआरपी थाना प्रभारी शशि धुर्वे गुप्तचर शाखा से हर स्वरुप शर्मा मदन महल चौकी प्रभारी राजेश राज सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
*यह होता है माकड्रिल में*
भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन की साइडिंग पर अचानक ट्रेन दुर्घटना की खबर से सायरन की आवाज सुनाई देती है और अचानक चीख पुकार मच जाती है. देखते ही देखते रेलवे की बचाव टीम मौके पर पहुंचती है, साथ में एनडीआरएफ के जवान भी रेस्क्यू में लग जाते हैं. इसके बाद घायलों को एंबुलेंस से रेलवे अस्पताल भिजवाया जाता है. तब तक रेलवे की सेफ्टी टीम और वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में मौके पर पहुंचकर और राहत और बचाव कार्य को तेज करने का निर्देश देते हैं ।ट्रेन दुर्घटना के बाद राहत और बचाव कार्य, रेलवे और एनडीआरफ सहित अन्य की टीमों ने ऐसा अभ्यास रेलवे और एनडीआरएफ का मॉक ड्रिल किया जाता है दरअसल पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल के अंतर्गत भेड़ाघाट रेलवे स्टेशन पर एनडीआरएफ और रेलवे का संयुक्त मॉक ड्रिल कर रही थी. रेलवे में हादसे के दौरान आपातकाल स्थिति से निपटने की रेलवे की तत्परता की तैयारी कैसी है इसको देखा जाता है।सवारी गाड़ी की बोगी को दूसरे बोगी पर चढ़ा कर यह दर्शाया गया कि आपातकाल स्थिति में यात्री ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने पर किसी तरह से बचाव कार्य चलाया जाता है एवं
जबलपुर रेल मंडल आपातस्थिति में निपटने के लिए कितनी तैयार है इसकी वस्तुस्थिति को जानने के लिए यह मॉक ड्रिल की गई।