जबलपुर उत्तरमध्य विधानसभा में खींचतान: शिव के बहाने शरद के घर में सेंध
शताब्दीपुरम में चल रहे शिवपुराण को लेकर भाजपा खेमें तरह-तरह की चर्चाएं

जबलपुर, यशभारत। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं.। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश भर में साभाएं कर रहे हैं तो मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी सत्ता विरोधी लहर पर सवार होने के लिए पूरा दमखम लगा रही है.। कहते राजनीति में कोई किसी का नहीं होता है, कुछ ऐसा ही हो रहा है उत्तर मध्य विधानसभा में। शिवपुराण के बहाने अपनी दावेदारी और वजनदारी पेश करने की कोशिश हो रही है। शरद के घर में कैसे सेंध लगाई जाए इसमें उनके अपने ही जुट गए हैं। धार्मिक आयोजन कराके भीड़ जुटाने की कोशिश हुई थी लेकिन ऐसा हो नहीं सका। इसके कई कारण सामने आ रहे हैं कहा जा रहा है कि पूरे शहर में बैनर-पोस्टर जमकर लगे है लेकिन आयोजन में भीड़ जमा हो ऐसा कोई प्रबंध नहीं किया गया। सबसे हैरत की बात यह है कि जिनके घर में सेंधमारी हो रही है उनकी फोटो भी बैनर-पोस्टर में साफ नजर आ रही है। मतलब साफ है कि अगर टिकिट मिल जाएगी तो नेता जी से दूर हो जाएंगे और नहीं मिली तो दोस्त तो रहेंगे ही।
गायिका भी भीड़ नहीं जुटा पाई
धार्मिक आयोजन के तहत एक दिन भजन गायिका का प्रोगाम रखा गया, आयोजनकर्ताओ को पूरा भरोसा था कि इस दिन निश्चित ही भीड़ जमा होगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कार्यक्रम स्थल पर भीड़ नहीं होने से भाजपा के बड़े नेता भी समझ गए है ं कि ऐसा आयोजन करके सिर्फ दिखावा करना है। जनता में आयोजनकर्ता का कोई वर्चस्व नहीं और न ही दमदारी। ऐसी स्थिति में भाजपा के बड़े नेता इस आयोजन को बहुत फीका मान रहे हैं।
चाचा कमबैक की तैयारी में
विधानसभा क्षेत्र की सियासी चर्चाओं से मिले इनपुट के आधार पर कहें तो चाचा याने पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक रहे शरद जैन 2023 में कम बैक कर सकते हैं। इस कमबैक के पीछे कई पहलू है जिसके आधार पर चाचा ने एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी मजबूत कर दी है। चूंकि पिछली दफा भाजपा के नेता रहे एक बागी होकर निर्दलीय ही उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतर गए थे, जिसके चलते भाजपा के लिए वोट कटवा की भूमिका को उन्होंने निभाया और भाजपा को इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार संभवत: ऐसी तस्वीर न देखने को मिले इस वजह से शरद जैन अपने मजबूत वोट बैंक को आधार मानकर पार्टी के आला नेताओं के समक्ष अपना रिपोर्ट कार्ड पेश कर चुके हैं और इस विधानसभा सीट से मजबूत दावेदारी की पेशकश भी कर रहे हैं। लेकिन क्या संगठन उनकी मजबूत दावेदारी पर मुहर लगाता है या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा।