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‘पैसे के लिए पराये मर्दों संग सोती है बीवी, मुझे भी हिस्सा चाहिए’… कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

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ताइवान में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां के एक शख्स ने दावा किया है कि उसकी पत्नी ट्यूशन फीस चुकाने के लिए देह व्यापार करती थी। हालांकि उसका अपनी पत्नी से तलाक हो चुका है। अब इस शख्स ने अपनी पत्नी पर केस दायर किया है। पति का आरोप है कि पूर्व पत्नी ने देह व्यापार के पैसे से घर और कार खरीदी। वहीं, कॉस्मेटिक सर्जरी भी इस पैसे से करवाई। सिंचु के रहने वाले अई ने आरोप लगाया कि मई 2021 को उसने पत्नी को तलाक दे दिया था। दंपती में सहमति बनी थी कि दोनों बच्चों की कस्टडी पति के पास रहेगी।

पत्नी को हर महीने हो रही कमाई

पत्नी बच्चों की मदद के लिए कोई पैसा नहीं देगी। पति ने आरोप लगाया कि पत्नी मास्टर डिग्री का कोर्स कर रही थी। उसे वित्तीय कठिनाई का सामना न करना पड़े, इसलिए पैसे न देने की बात मानी थी। लेकिन बाद में उसे पता चला कि वह एक सेक्स वर्कर के तौर पर काम कर रही है। ग्रेजुएशन के बाद से वह इस पेशे से लगभग 6300 डॉलर (5,26,323.74 रुपये) प्रति माह कमा रही है।

 

उसने अपने लिए देह व्यापार के पैसे से आलीशान घर और कार भी खरीद ली है। यही नहीं, खुद को सुंदर दिखाने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी करवाई है। अब कोर्ट में मुकदमा दायर कर पति ने हर महीने पत्नी से प्रत्येक बच्चे के लिए 40 हजार रुपये की डिमांड की है। वहीं, पत्नी के वकील ने इसके जवाब में कोर्ट को बताया कि जब महिला ने मास्टर डिग्री की पढ़ाई शुरू की तब आय को लेकर कोई विवरण नहीं दिया था। न ही उसके पास कोई साधन था। उसे फीस और रहने के लिए पैसा चाहिए था। जिसके कारण वह देह व्यापार में शामिल हो गई।

कर्ज चुकाने के लिए अपनाया ये रास्ता

महिला के वकील ने बताया कि जब दंपती का तलाक हुआ था तो उनकी क्लाइंट शोध सहायक के तौर पर कार्यरत थी। उसने भारी कर्ज लेकर घर और कार खरीदी। वहीं, कर्जा काफी बढ़ गया और महिला को लगा कि वह इसे नहीं चुका सकेगी। जिसकी वजह से इस पेशे को चुना। कोर्ट में पति ने पत्नी की कुछ तस्वीरें और मोबाइल नंबर भी मुहैया करवाए। लेकिन कोर्ट ने कहा कि नंबरों और तस्वीरों में अस्पष्टता है। इनको सेक्स वर्क से नहीं जोड़ा जा सकता। जज ने कहा कि बच्चों के भरण पोषण के लिए पति-पत्नी दोनों जिम्मेदार हैं। कोर्ट ने महिला को हर महीने लगभग 13 हजार रुपये बच्चों के भरण पोषण के लिए देने के आदेश दिए। जब तक बच्चे 18 साल के नहीं होंगे, महिला को पैसा देना होगा।

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