आयुष मंत्रालय से आया था पूरा प्रोग्राम, अपमान जैसी कोई बात नहीं
राज्यसभा सांसद के आरोप के बाद वरिष्ठ अधिकारियों की सामने आई प्रतिक्रिया

जबलपुर, यशभारत। विश्व योग दिवस कार्यक्रम में मंच पर स्थान नहीं मिलने से नाराज हुई राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक ने जिला प्रशासन और कलेक्टर पर नजरअंदाज करने और अपमान का आरोप लगाया था। जिसके बाद पूरे प्रदेश के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में राज्यसभा सांसद के बयानों पर चर्चा होने लगी। जिला प्रशासन पर लगे आरोपों के बाद कलेक्ट्रेट के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि योग दिवस कार्यक्रम के आमंत्रण पत्रों में किसका नाम जाना है और मंच पर किसकी कुर्सी होना है इसका एक प्लान आयुष मंत्रालय से जिला प्रशासन को सौंपा गया था। आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देश और जारी आदेश पर जिला प्रशासन ने विश्व योग दिवस की व्यवस्थाएं की थी। अधिकारियों की माने तो पूरा प्रोग्राम आयुष मंत्रालय से तय होता है,वहीं से बताया जाता है कि मंच पर किन-किन माननीयों को बैठाया जाना है।
क्यों करेंगे अपमान, सभी सम्मनीय है हमारे लिए
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जिले के सभी माननीय उनके सम्मानीय है वह किसी का अपमान क्यों करेंगे। प्रोटोकाल के तहत प्रशासनिक अधिकारियों से जो बनता है वह माननीयों के लिए करते हैं। किसी भी जनप्रतिनिधि को अपमानित करने का अधिकार प्रशासनिक अधिकारियों के पास नहीं है।
जिला प्रशासन देता है पूरी जानकारी: राज्यसभा सांसद
राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक का कहना है कि जिले में इतने बड़ा प्रोग्राम हो रहा है और आयुष मंत्रालय को जिला प्रशासन की तरफ से जानकारी जाएगी कि कौन जनप्रतिनिधि शामिल होगा और कौन नहीं। जबलपुर में दो राज्यसभा सांसद है किसी को भी नहीं पूछा गया,ये तो गलत है। तन्खा जी कांग्रेस है इसलिए उन्हें नहीं पूछा गया परंतु मैं तो भाजपा की हूं मुझे सम्मान दिया जाना था। मुझसे एक दिन पहले तक प्रशासनिक अधिकारियों से बात हुई बाबजूद मेरा नाम आमंत्रण पत्र और मुख्य आयोजन स्थल पर कुर्सी तक नहीं रखी गर्ई।