जबलपुर, यशभारत। रस्सी जल गई पर बल नहीं गया यह कहावत फिलहाल कांग्रेस में सटीक बैठ रही है, हालांकि कहावत का असर सबसे ज्यादा छोटे-छोटे कांग्रेसी कार्यकर्ता और नेताओं पर ही हुआ है। दरअसल कुछ दिन पहले एक नेता को प्रदेश की बड़ी जिम्मेदारी मिली और इसकी बधाई के लिए जबलपुर के कुछ नेता भोपाल पहुंचे और फूल-माला हाथ में लेकर स्वागत के लिए नेता जी के कार्यालय के बाहर खड़े थे परंतु नेता जी कमरे से बाहर निकलें और गाड़ी पर बैठकर निकल लिए। फिर क्या था जबलपुरिया नेता नाराज हो गए और वहीं कहने लगे कि पहले वाले नेता ही अच्छे थे कम से कम बैठाकर हाल-चाल पूछते थे ये नेता तो भाव तक नहीं दे रहे हैं। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि नेता जी को किस बात का घमंड क्योंकि वह तो खुद चुनाव हारे हुए बाबजूद पार्टी ने उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी दे दी।
ऐसा अपमान तो कभी नहीं सहा
कांग्रेस के जबलपुरिया नेताओं का गुस्सा यही नहीं थमा वह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के सामने खड़े होकर एक-दूसरे से चर्चा करते रहे हैं कि ऐसा अपमान तो पहले वाले नेता ने कभी नहीं किया, भले ही नेता बुजुर्ग थे परंतु सम्मान सबको देते थे।
कांग्रेस मजबूत नहीं होगी ऐसे में
ताजा-ताजा जिम्मेदारी मिलने के बाद युवा नेता के पर ऐसे निकलें है कि वह सीधे आसमान पर उड़ान भर रहे हैं परंतु उनके ऐसा करने से कांग्रेस मजबूत नही होगी। जब तक कांग्रेस को जमीन से जुड़ा हुआ नेता और छोटे-बड़े नेताओं को साथ लेकर मिलने वाला नहीं मिलता था तब कांग्रेस बगैर नाविक के नाव जैसी हालत में रहेगी।
जबलपुर हो रहा है आगमन
शहर के नेताओं को तवज्जो नहीं देने वाले नेता जी का आगमन कल जबलपुर में हो रहा है निश्चित तौर पर अपमानित होने वाले नेता कल कार्यक्रम स्थल पर पहंुचेंगे तो कुछ सवाल-जवाब करेंगे।