देश
केंद्र सरकार अब घाटे से चल रही सरकारी तेल कंपनियों में 30 हजार करोड़ रुपए डाल सकती है

केंद्र सरकार अब घाटे से चल रही सरकारी तेल कंपनियों में 30 हजार करोड़ रुपए डाल सकती है। केंद्र सरकार ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) में कैपिटल इन्फ्यूजन के मंजूरी प्रस्ताव पर विचार कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन ऑयल मार्केटिंग कंपनियों में केंद्र सरकार 30,000 करोड़ रुपए डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है। इस पूंजी को राइट्स इश्यू के जरिए डाला जा सकता है। राइट्स इश्यू का अनसब्सक्राइब्ड हिस्सा को सरकार अपने स्तर पर उठाएगी।
केंद्र सरकार अब घाटे से चल रही सरकारी तेल कंपनियों में 30 हजार करोड़ रुपए डाल सकती है

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के मैनेजमेंट को इसपर अंतिम फैसला लेना है। फिलहाल Bharat Petroleum (BPCL) के कैपेक्स के लिए राइट्स इश्यू पर एनालिसिस किया जा रहा है। BPCL की बोर्ड बैठक 28 जून को है, जिसमें करीब 18,000 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। कंपनी ये पूंजी योग्य शेयरहोल्डर्स से तय रिकॉर्ड डेट पर राइट्स इश्यू के जरिए जुटा सकती है।
इस पर किसी भी फैसले को आगे चलकर नोटिफाई भी कर दिया जाएगा। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है।
केंद्र सरकार अब घाटे से चल रही सरकारी तेल कंपनियों में 30 हजार करोड़ रुपए डाल सकती है
IOC भी लाएगी राइट्स इश्यू लाने का एलान
BPCL के ठीक बाद India Oil Corporation (IOC) ने राइट्स इश्यू लाने का एलान किया है। इस कंपनी की बोर्ड बैठक 7 जुलाई 2023 यानी शुक्रवार को होना है। इस बैठक में कैपेक्स प्लान के लिए राइट्स इश्यू के जरिए पूंजी जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। कंपनी कई प्रोजेक्ट्स पर कैपेक्स के लिए ये पूंजी जुटा रही है, जिसके लिए कई अन्य तरह मंजूरियां लेनी भी बाकी है।
OMCs पर फाइनेंशियल बोझ के बारे में जाने डिटेल्स
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ रुपए बजट को कैपिटल इन्वेस्टमेंट के आधार पर तय किया गया है। IOC, BPCL और HPCL तीन ऐसी कंपनियां हैं, जो देश में पेट्रोलियम डिमांड का करीब 90% जरूरत का हिस्सा पूरा करती हैं। लेकिन ये कंपनियां फिलहाल फाइनेंशियल बोझ से जूझ रही हैं। पिछले कारोबारी साल के पहले 6 महीने में इन कंपनियों को कुल 25,000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। ये घाटा LPG और दूसरे कुकिंग गैस को कम कीमत पर बेचने की वजह से हुआ है।
यह भी पढ़े :-
Share Market सुजलॉन एनर्जी के शेयर निवेशको के लिए बड़ी खबर, जाने इस खबर के बारे
केंद्र सरकार अब घाटे से चल रही सरकारी तेल कंपनियों में 30 हजार करोड़ रुपए डाल सकती है