जबलपुरमध्य प्रदेश

थॉवर पुल टूटा, मरीज को गोद में ले जा रहे परिजन   : प्रशासन की व्यवस्थाओं की खुली पोल 

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नैनपुर| मध्यप्रदेश के मण्डला जिले के नैनपुर में थावर नदी पर बना अंग्रेजो के ज़माने का पुल टूट कर जर्ज़र हो गया है। पिछले साल मुख्य पुल भी टूट गया था लेकिन अभी तक बड़े पुल का निर्माण नहीं पूरा नहीं हुआ है। जिससे लोग जान जोखिम में डालकर पुराना पुल पार करने को मजबूर हैं। मरीजों को भी गोद पर लेटा कर जाना पड़ रहा है। प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बारिश का दौर जारी है जिसकी वजह से पुल वैगरह के टूटने की तस्वीरें आप खूब देखते होंगे। लेकिन मध्यप्रदेश के मण्डला जिले के नैनपुर से ऐसी तस्वीर सामने आई है जो पुल टूटने के बाद होने वाली परेशानियों को बयां करती हैं।

 

ये तस्वीरें प्रशासन की मुस्तैदी की पोल खोलती हैं। मामला मंडला जिले के नैनपुर सिवनी मार्ग का है यहां थांवर नदी के पुल टूटने के बाद अनेको गावों का संपर्क शहर से टूट गया। हद ये है कि ये पुल हर साल बाढ़ टूट जाता हे लेकिन प्रशासन को इसकी मरम्मत कराने की फुर्सत नहीं मिली. मरम्मत के नाम पर केवल कीचड़ भरी मुराम डाल दी जिससे आने-जाने में पहले से ज्यादा परेशानी हो रही है। वही एक ऐसा मामला सामने आया जहां पर सिवनी जिले के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाला कोई व्यक्ति मोटरसाइकिल में बिठाकर महिला मरीज को थावर पुल तक लाया लेकिन थावर पुल की हालत जर्ज़र होने के कारण और पुल पर डाली गयी मुरम कीचड से सनी होने के कारण पहले तो मोटरसाइकिल सवार ने बड़ी मुश्किल से अपनी मोटरसाइकिल निकाली फिर महिला मरीज को स्थानीय लोगों ने अपनी गोदी में उठाकर पुल पार करवाया केवल सवाल एक मरीज का नहीं है सवाल यह है कि पुल टूटने की वजह से अब आम जनों को क्योंकि यह पुल सिवनी जिले के नैनपुर की ग्रामीण के लिए बहु उपयोगि हैं l

 

दैनिक उपयोगी वस्तुएं बाजार हॉट स्वास्थ्य सेवाएं हॉस्पिटल अन्य वस्तुओं का ग्रामीणों के लिए नैनपुर बाजार ही खरीदी केंद्र हे मंडला डिंडोरी का अन्य क्षेत्रों को नागपुर से जोड़ने में भी इस सेतु की अहम भूमिका है लगभग 4 वर्ष पहले प्रारंभ हुए थाना नदी में नए सेतु का निर्माण अभी तक कछुआ गति चल रहा है लेकिन यहां बैठे जनप्रतिनिधि अधिकारी पूर्णता है मौन है जिस वजह से आम लोगों को हो रही असुविधाओं के लिए किसी के पास कोई जवाब नहीं है। पुल का टेंडर 4 वर्षो से हो चुका है, लेकिन निर्माण कार्य अभी तक किया जा रहा है। जाहिर तब तक लोगों को जान जोखिम में डाल पुराने पुल पार कर इस पार से उस पार जाना होगा। यहां की हालत ये है कि यदि गांव में कोई शख्स बीमार हो जाए तो एंबुलेंस पुलिया तक ही उसे लेकर आ पाती है. इसके बाद का सफर मरीज को गोदी पर लेटकर पूरा करना होता है। गांव वालों का कहना है कि उनकी मजबूरी है और वे अक्सर ऐसे ही नदी पार करते हैं लेकिन जब पानी बढ़ जाता है तो वे इस बार ही बंध कर रह जाते हैं।

अच्छी बात ये है कि मरीजों को लाने ले जाने में स्थानीय लोग खुले दिल से मदद करते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो पुल लंबे समय से क्षतिग्रस्त है और उसका दूसरे पुल का निर्माण किया जा रहा है। मुख्य पुल के टूटने की वजह से फिलहाल मुरम डाल कर व्यवस्था बनायी गयी थी जो पिछले दो दिन में पानी के बहाव के कारण बह चुका है। पुनः मुरम डालकर पुल आने जाने की व्यवस्था बनाई गई है लेकिन यह मुरम पूर्णता कीचड़ सन चुकी है। जिसकी वजह से सिवनी से नैनपुर मार्ग का संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है जिसकी वजह से नदी के दोनों छोरों पर बसे लोगों को थावर नदी पार करने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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