जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला: डोडा के जंगल में मुठभेड़, दो जवान घायल, सेना ने आतंकियों को घेरा
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के जंगलों में गुरुवार सुबह एक आतंकी हमले में दो सैनिक घायल हो गए। सेना के अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने बुधवार देर रात कस्तिगढ़ इलाके के जड्डन बटा गांव में एक स्कूल में बने अस्थायी सुरक्षा कैंप पर गोलीबारी की। सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच एक घंटे से अधिक समय तक फायरिंग हुई। सेना ने आतंकियों को घेर लिया है, जो बीच-बीच में फायरिंग कर निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
15 जुलाई को डोडा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में एक सेना के कप्तान और एक पुलिसकर्मी सहित 5 सैनिक शहीद हो गए थे। 16 जुलाई को फिर से डोडा के कलान भाटा और पंचन भाटा क्षेत्रों में रात 10:45 बजे और 2 बजे फायरिंग हुई। इन घटनाओं के बाद, सेना ने जड्डन बटा गांव के सरकारी स्कूल में अस्थायी सुरक्षा कैंप स्थापित किया था ताकि खोज अभियान चलाया जा सके।
आतंकवाद मुक्त घोषित हो चुके डोडा में फिर से हो रहे हमले
डोडा जिले को 2005 में आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया था। हालांकि, 12 जून से लगातार हो रहे हमलों में 5 सैनिक शहीद हुए हैं और 9 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। इन हमलों में तीन आतंकियों को मार गिराया गया है।
सेना ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया
पिछले 84 दिनों में जम्मू क्षेत्र में 10 आतंकी हमलों में 12 सैनिकों की शहादत के बाद, सेना ने अब सबसे बड़ा खोज अभियान शुरू किया है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 7000 सैनिक, 8 ड्रोन, हेलीकॉप्टर और करीब 40 खोजी कुत्तों को तैनात किया गया है। ज्यादातर सैनिक राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस के विशेष कमांडो हैं। उन्हें डोडा और कठुआ जिलों की पीर पंजाल रेंज के जंगलों में तैनात किया गया है।
सेना से लंबी लड़ाई की तैयारी में लगे हैं आतंकी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, डोडा और कठुआ पिछले पांच महीनों से आतंकवाद के केंद्र बने हुए हैं। यहां लगभग 250 किमी के क्षेत्र में आतंकियों के छिपे होने के सबूत मिले हैं। इस बड़े इलाके में आतंकियों के पहाड़ों पर आसानी से चढ़कर घात लगाकर हमले करने की वजह से, सैनिकों को भोजन और गोला-बारूद के साथ इन पहाड़ों पर तैनात किया गया है।
आतंकियों से निपटने के लिए विलेज गार्ड्स भी तैनात
सेना ने उच्च जंगल क्षेत्रों में विलेज गार्ड्स को भी तैनात किया है। जम्मू-कश्मीर में 1995 में 25000 विलेज गार्ड्स को सैन्य प्रशिक्षण के बाद रखा गया था। बाद में उन्हें हटा दिया गया, लेकिन 14 अगस्त 2022 को फिर से तैनात किया गया। इन्हें 4 हजार रुपए प्रति माह वेतन और हथियार दिए जाते हैं।
कुपवाड़ा में तीन आतंकियों किया गया था ढेर
8 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक आतंकी हमले में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) सहित 5 सैनिक शहीद हो गए थे। आतंकियों ने पहाड़ी से सेना के ट्रक पर ग्रेनेड फेंका था और स्नाइपर गन से फायरिंग की। सेना ने भी जवाबी फायरिंग की, लेकिन आतंकी जंगल में भाग गए। कुपवाड़ा के पास रविवार(14 जुलाई) को सुरक्षा बलों ने 3 आतंकियों को ढेर किया था। तीनों आतंकी एलओसी से घुसपैठ करने की फिराक में थे। सुरक्षाबलों को इन आतंकियों के पास से पिस्तौल और गोला-बारूद भी बरामद हुआ। तीनों घुसपैठियों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है।