खास खबर : खाट पर प्रशासन : मरीज और प्रसुताओं को 2 किलोमीटर खटिया में बांधकर लाया जाता है अस्पताल , सड़क नहीं होने से बनी विकराल स्थिति
पहरेदार नींद में : ग्राम पंचायत खोबी के ग्राम दुभा की शर्मनाक तस्वीर
नरसिंहपुर | आजादी के 78 साल बाद भी क्या सिस्टम खाट पर है यह हम नहीं कह रहे खुद व खुद तस्वीरें हकीकत बयां कर रही है मामला नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव विकासखंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत खोबी के ग्राम दुभा की है जहां के ग्रामीण आधुनिक युग में आज भी नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैl
प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री के गृह जिले की तस्वीर हमें शर्मसार करती नजर आ रहे हैं जहां सिस्टम वाकई खाट पर है देश आजादी का जश्न मनाने के लिए हर घर तिरंगा यात्रा निकाल रहा है लेकिन इस गांव के बाशिंदे खुद को ही सरकारी सिस्टम के आगे बेबस और लाचार पा रहे है गांव में यदि कोई बीमार हो जाए या किसी महिला की डिलीवरी करनी हो तो उसे यूं ही खाट पर लगभग 2 किलोमीटर का रास्ता तय करके पक्के रास्ते तक लाना पड़ता है तब कहीं उसे एंबुलेंस से तैयारी की सुविधा मिल पाती है क्योंकि गांव में आज तक कोई पक्की सड़क नहीं बनी चुनावी मौसम आता है तो नेता भी आते हैं और लुभावने वादे के साथ रंगीन सपने भी दिखाते हैं l
लेकिन चुनाव के बाद इन ग्रामीणों की मुसीबत पर दस्तक देने फिर कभी कोई नहीं आता हालत यह है कि गांव की कई बच्चियों इसी कच्चे रास्ते की वजह से अपना स्कूल भी छोड़ चुकी है लेकिन सरकारी सिस्टम है कि भ्रष्टाचार की दीमक से कुछ इस तरह चिपका हुआ है की उन्हें ग्रामीणों की पीड़ा ही नहीं दिखाई देती ग्रामीण बताते हैं कि गांव में आना और गांव से बाहर जाना उनके लिए बॉर्डर पर जंग लड़ने जैसा होता है और बारिश के दिनों में तो कई महीने वह अपने गांव में ही कैद होकर रह जाते हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है हालांकि इस मामले पर गोटेगांव तहसील का कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कैमरे के सामने आकर कभी कुछ कहने को तैयार नहीं होता l
विकराल होती इस समस्या को लेकर जब नरसिंहपुर के जिला पंचायत सीईओ दलीप कुमार से सवाल किया तो वह भी पहले तो आश्चर्यचकित होकर रह गए और उनके द्वारा बताया गया कि 200 व्यक्तियों की आबादी पर प्रधानमंत्री सड़क का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल सकता लेकिन उन्होंने वैकल्पिक अन्य योजना से सड़क ग्रामीण के हित में बनवाने की बात जरूर कहीं l