श्री कल्कि धाम: संभल में उभरता आध्यात्म का नया केंद्र, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया नैतिकता, शांति और एकता का संदेश
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उत्तर प्रदेश: देश के आध्यात्मिक परिदृश्य में एक नया और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा जा रहा है, जहाँ संभल में भव्य श्री कल्कि धाम आकार ले रहा है। यह धाम न केवल एक पवित्र स्थल बनने जा रहा है, बल्कि आचार्य प्रमोद कृष्णम के अनुसार, यह आधुनिक समाज को नैतिकता, शांति और एकता का एक गहरा संदेश देगा। धाम के पीठाधीश्वर और प्रमुख visionary, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने हाल ही में एक विस्तृत साक्षात्कार में इस महत्वाकांक्षी परियोजना के उद्देश्यों और दूरदृष्टि पर प्रकाश डाला।
आध्यात्मिक जागरण और सनातन धर्म का प्रचार
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जोर देकर कहा कि श्री कल्कि धाम की स्थापना का प्राथमिक लक्ष्य भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि यह धाम सनातन धर्म के शाश्वत सिद्धांतों और मूल्यों को जन-जन तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा। उनका मानना है कि आज के तेजी से बदलते और अक्सर तनावपूर्ण माहौल में, आध्यात्मिक जीवन और सनातन मूल्यों का अनुसरण करना व्यक्तियों और समुदायों के लिए शांति और संतुलन प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
शांति और सद्भाव का आह्वान
साक्षात्कार के दौरान, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विशेष रूप से सभी भक्तों और आम जनता से आध्यात्मिक जीवन को अपनाने की अपील की। उन्होंने समझाया कि आध्यात्मिक जीवन का अर्थ केवल कर्मकांड नहीं, बल्कि आंतरिक शांति, आत्म-अनुशासन और दूसरों के प्रति प्रेम और करुणा विकसित करना है। श्री कल्कि धाम का प्रयास है कि वह लोगों को एक साथ लाए, विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोगों को एक मंच पर खड़ा करे जहाँ वे साझा मानवीय मूल्यों और शांति के संदेश पर विचार-विमर्श कर सकें।
भविष्य की योजनाएं और जन-संपर्क
यह साक्षात्कार संभल में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान हुआ, जहाँ आचार्य प्रमोद ने धाम की भविष्य की योजनाओं और लक्ष्यों पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि धाम में केवल पूजा-पाठ ही नहीं होगा, बल्कि यहाँ आध्यात्मिक प्रवचन, योग सत्र, ध्यान शिविर और सामाजिक कल्याण के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इन पहलों का उद्देश्य धाम को केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक जीवंत समुदाय केंद्र बनाना है जो आध्यात्मिक विकास और सामाजिक सुधार दोनों में योगदान दे सके।
आचार्य प्रमोद कृष्णम द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगातार साझा किए जा रहे वीडियो और अपडेट्स ने भी श्री कल्कि धाम की गतिविधियों और इसके आध्यात्मिक महत्व को व्यापक दर्शकों तक पहुँचाया है। इन डिजिटल पहलों ने लोगों को इस अभिनव प्रयास से जुड़ने और इसके उद्देश्यों को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया है।
समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत
कुल मिलाकर, श्री कल्कि धाम केवल पत्थरों और ईंटों से बनी एक संरचना नहीं, बल्कि एक ऐसा जीवंत आध्यात्मिक केंद्र बनने की राह पर है जो समाज में नैतिक मूल्यों को पुनः स्थापित करने, शांति का संदेश फैलाने और लोगों को एकता के सूत्र में बांधने का एक मजबूत प्रयास कर रहा है। आचार्य प्रमोद कृष्णम की दूरदृष्टि और अथक प्रयासों से, यह धाम आने वाले समय में आध्यात्मिक और सामाजिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ साबित हो सकता है।