बाघ के हमले से चरवाहे की मौत : क्षेत्र में दहशत; वन अमला जांच में जुटा
सिवनी यश भारत-जिले के दक्षिण वनमंडल अंतर्गत खवासा परिक्षेत्र स्थित रेडी बीट कक्ष क्रमांक-356 खंडासा के जंगल में बाघ के हमले से चरवाहे कि मौत हो गई। जिसके बाद वन अमला व पुलिस जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार गोवर्धन पटले उम्र 57 वर्ष जंगल मे मवेशी चराने गया था। जहां चरवाहे पटेल के बैल पर बाघ ने हमला किया। जब चरवाहा उसे बचाने गया तो अनुमान लगाया जा रहा है कि बाघ ने उस पर हमला कर दिया। जब चरवाहा शाम तक घर नही पहुंचा तो परिजन गांव के कुछ लोगो के साथ जंगल तरफ गए। जहां जख्मी बैल को देखा। जिसके बाद जंगल में चरवाहा गोवर्धन लहूलुहान अवस्था मे मिला। जिसकी मौत हो चुकी थी।
इसकी पुष्टि डीएफओ एच.एस. मिश्रा ने की है। उन्होंने बताया कि कुरई थाना क्षेत्र के ग्राम पिपरिया के पास स्थित रमलीखारी टोला निवासी गोवर्धन पटले पिता ताराचंद पटले गांव के मवेशियों को चराने का कार्य करते थे। वे अपने बैल के साथ मवेशियों को लेकर गांव से डेढ़ किमी दूर जंगल में गए थे। बताया जा रहा है कि जंगल में बाघ ने उनके बैल पर हमला कर दिया। बैल को बचाने के लिए गोवर्धन जब वहां पहुंचे तो बाघ ने उन पर भी हमला बोल दिया। परिजन जब जंगल गए तो गोवर्धन का शव लहूलुहान हालत में मिला। इसकी जानकारी मिलते ही खवासा वन परिक्षेत्र अधिकारी घनश्याम चतुर्वेदी टीम के साथ ग्रामीणों को लेकर रेड्डी बीट के कक्ष क्रमांक 356 पर पहुंचे।
गोवर्धन के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि मृतक गोवर्धन के दो पुत्र है। वनपरिक्षेत्र अधिकारी ने बताया पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को आर्थिक सहायता राशि मुहैया कराई जाएगी। डीएफओ मिश्रा ने बताया कि जंगल क्षेत्र में बाघ का मूवमेंट बना हुआ है। कुछ दिन पूर्व बाघ ने क्षेत्र में एक ग्रामीण पर हमला कर घायल किया था। क्षेत्र में वन अमले की गश्ती बढ़ाई गई है।